दुबई: कुवैत के अमीर (शासक) शेख सबाह अल अहमद अल सबाह का 91 वर्ष की उम्र में मंगलवार को इंतकाल हो गया. यह जानकारी देश के सरकारी टीवी ने दी है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख सबाह के निधन पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “आज कुवैत और अरब दुनिया ने एक प्रिय नेता, भारत ने एक करीबी दोस्त और दुनिया ने एक महान राजनेता खो दिया है. उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभाई और कुवैत में हमेशा भारतीय समुदाय का विशेष ध्यान रखा.”






प्रधानमंत्री ने लिखा, “कुवैत राज्य के अमीर शासक शेख सबा अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदना. दु: ख की इस घड़ी में हमारी संवेदना अल-सबा परिवार और कुवैत राज्य के लोगों के साथ हैं.”


तेल समृद्ध देश के लंबे वक्त तक विदेश मंत्री रहने के दौरान शेख सबाह ने 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक के साथ करीबी रिश्ते कायम करने और अन्य क्षेत्रीय संकटों का समाधान निकालने के लिए काफी काम किया.


शेख सबाह ने कतर और अन्य अरब देशों के बीच विवाद के कूटनीतिक हल के लिए भी कोशिशें कीं और यह प्रयास आज की तारीख तक जारी रहे.


वह 2006 में कुवैत के अमीर बने थे. इससे पहले कुवैत की संसद ने उनके पूर्ववर्ती अमीर शेख साद अल अब्दुल्लाह अल सबाह को नौ दिन के शासन के बाद ही बीमारी की वजह से तख्त से हटा दिया था.


इराकी फौजें 1990 में कुवैत में घुस आई थीं. इसके बाद अमेरिकी नीत जंग में इराकी सेना को खदेड़ दिया गया था. इसके बाद से ही कुवैत अमेरिका का घनिष्ठ सहयोगी है.


सरकारी टीवी ने कुरान की आयतों के प्रसारण के साथ शेख सबाह के इंतकाल की सूचना दी. शाही दरबार मंत्री शेख अली जर्राह अल सबाह ने संक्षिप्त बयान पढ़ा. उन्होंने कहा कि दुख के साथ बताया जाता है कि कुवैती लोग, अरब और इस्लामी विश्व के लोग शेख सबाह के निधन से दुखी हैं. हालांकि उनके इंतकाल का कारण नहीं बताया गया है.


शेख सबाह जुलाई 2020 में बीमार हो गए थे. कोरोना वायरस महामारी के बीच उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तथा उनका ऑपरेशन हुआ था. उस वक्त भी अधिकारियों ने बीमारी के बारे में जानकारी नहीं दी थी.


इसके बाद अमेरिकी वायुसेना का सी-17 फ्लाइंग हॉस्पिटल शेख सबाह को मिनिसोटा के रोचेस्टर ले गया था, जहां मायो क्लीनिक स्थित है. मायो क्लीनिक ने टिप्पणी के अनुरोध पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.


शेख सबाह का जन्म 16 जून 1929 को हुआ था. उन्हें 1963 में देश का विदेश मंत्री बनाया गया था और वह चार दशक तक इस पद पर रहे. उनके सौतेले भाई और तत्कालीन अमीर शेख जबर अल अहमद अल सबाह ने उन्हें 2003 में देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. शेख सबाह की जगह उनके सौतेले भाई वली अहद (उत्तराधिकारी) शेख नवाफ अल अहमद अल सबाह कुवैत के नए अमीर हो सकते हैं.


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