1966 Mizoram Bombing Row: मिजोरम बमबारी मामले को लेकर बीजेपी नेता अमित मालवीय और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच सोशल मीडिया पर हुई बहस में बुधवार (16 अगस्त) को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हो गए. इस पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने गुरुवार (17 अगस्त) को यह कहते हुए गहलोत को घेरा कि अगर आप राजेश पायलट के प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को बेइज्जत करके बर्खास्त न करते.
ऐसे शुरू हुई थी बहस
बहस 13 अगस्त को अमित मालवीय की ओर से दिवंगत पूर्व मंत्री और भारतीय वायुसेना के पायलट रहे राजेश पायलट को लेकर की गई एक ट्विटर पोस्ट से शुरू हुई थी. जिस लेकर सचिन पायलट ने 15 अगस्त को अमित मालवीय के दावे को तथ्यहीन और भ्रामक करार दिया था. बुधवार को सीएम गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर पलटवार कर दिया.
सीएम अशोक गहलोत क्या बोले?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परोक्ष रूप से इसी मुद्दे पर बीजेपी पर निशना साधते हुए ट्वीट किया, ''कांग्रेस नेता श्री राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे. उनका अपमान करके भाजपा भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है. इसकी पूरे देश को निंदा करनी चाहिए.''
अमित मालवीय का अशोक गहलोत पर निशाना
गुरुवार को अमित मालवीय ने अशोक गहलोत को घेरते हुए ट्वीट किया, ''चलिए, आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता तो हुई! लेकिन अगर आप सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रिमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते और सार्वजनिक रूप से उनके लिए अमर्यादित निकम्मा-नकारा-कोरोना-गद्दार जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल नहीं करते.''
मालवीय ने आगे लिखा, ''हर बार जब आपने सचिन पायलट का अपमान किया, तब-तब क्या आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता नहीं हुई?'' इसके अलावा उन्होंने ट्वीट में एक बार फिर मिजोरम बमबारी मामले का जिक्र करके कांग्रेस पर हमला किया.
13 अगस्त को अमित मालवीय ने किया था ये दावा
अमित मालवीय ने 13 अगस्त को अपने ट्वीट में लिखा था, ''राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए. बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने. स्पष्ट है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया.''
सचिन पायलट ने किया था ये पलटवार
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक दस्तावेज की कॉपी ट्वीट करते हुए पलटवार में कहा था, ''स्व. श्री राजेश पायलट जी दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे. यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिजोरम में बमबारी की थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है. हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थायी शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, जय हिन्द.''
कैसे उठा मिजोरम बमबारी का मुद्दा?
दरअसल, मिजोरम बमबारी का मुद्दा पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में विपक्ष को दिए गए जवाब से उठा था. हाल में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हो रही हिंसा को केंद्रित करते हुए विपक्षी गठबंधन INDIA केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था.
पीएम मोदी ने 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दिया था. उस दौरान पीएम मोदी ने 1966 की मिजोरम बमबारी का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर पूर्वोत्तर के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा था कि इंदिरा गांधी के समय में सरकार ने मिजोरम में बमबारी की थी.
इसके बाद कांग्रेस ने जवाब दिया था कि मिजोरम को पाकिस्तान-चीन से समर्थन प्राप्त अलगाववादी ताकतों से बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने साहसिक निर्णय लिया था.
यह भी पढ़ें- MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों का किया एलान, देखें लिस्ट