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अमित शाह ने नीतीश कुमार को बताया धोखेबाज और सत्ता का लालची, लालू यादव को दी ये नसीहत- 10 बड़ी बातें
Amit Shah Rally: अमित शाह ने बिहार में जनता को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव पर जमकर निशाना साधा.
Amit Shah In Bihar: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) अपने दो दिवसीय दौरे पर बिहार के सीमांचल पहुंचे. जहां उन्होंने शुक्रवार को पूर्णिया में जनसभा को संबोधित किया. अमित शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की नीतियों की सरहाना की. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) पर जमकर निशाना साधा. आइए आपको बताते हैं अमित शाह के संबोधन की बड़ी बातें..
- मेरे आने से लालू-नीतीश की जोड़ी को पेट में दर्द हो रहा है. वो कहते हैं कि मैं यहां पर झगड़ा लगाने आए हैं. मैं यहां कोई झगड़ा लगाने नहीं आया हूं.
- भारत की जनता अब जागरुक हो चुकी है. स्वार्थ से और सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना सा सकता. विकास के काम करने से, अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित रहने से और देश की सरक्षा को सुनिश्चित करने से ही देश की जनता प्रधानमंत्री बनाती है.
- नीतीश कुमार कोई राजनीतिक विचारधारा के पक्षधर नहीं हैं. नीतीश समाजवाद छोड़कर लालू जी के साथ भी जा सकते हैं, जातिवादी राजनीति कर सकते हैं. नीतीश समाजवाद छोड़कर वामपंथियों, कांग्रेस के साथ भी बैठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की एक ही नीति है- उनकी कुर्सी सलामत रहनी चाहिए. वो राजद छोड़कर बीजेपी के साथ भी आ सकते हैं.
- नीतीश कुमार ने 2014 में भी यही किया था. वह ना घर के रहे थे ना घाट के. उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव 2024 आने दीजिए, आपकी इस जोड़ी को बिहार की जनता सुपड़ा साफ कर देगी. 2025 में भी यहां बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.
- आज में बिहार की इस विराट सभा से लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों से कहना चाहता हूं कि आप जो ये दल-बदल बार-बार करते हो, तो ये धोखा किसी पार्टी के साथ नहीं है, बल्कि ये धोखा बिहार की जनता के साथ है.
- हम स्वार्थ और सत्ता की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति के पक्षधर हैं. प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश बाबू ने पीठ में छुरा भोंक कर आज आरजेडी और कांग्रेस की गोद में बैठने का काम किया.
- बिहार की भूमि परिवर्तन का केंद्र रही है. अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता का आंदोलन हो या लोकतंत्र के खिलाफ जो इंदिरा जी ने आपातकाल लगाया तब जय प्रकाश नारायण जी का आंदोलन हो, ये बिहार की भूमि से ही शुरू हुआ है.
- अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनके प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि दिनकर जी की कविताओं ने आजादी के आंदोलन को धार दी साथ ही उनकी लेखनी ने भारतीय संस्कृति को भी मजबूती प्रदान करने का काम किया.
- सीमांत जिले में जनजातियों के साथ अत्याचार हो रहा है. उन्हें भगाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जनजातीय समजा की द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का काम किया है. हमने यहां वामपंथी नक्सवादियों को भगाया है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में कहा था कि उनकी सरकार 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये बिहार के विकास के लिए खर्च करेगी. आज वह पिछले सात साल का हिसाब अपने साथ लेकर आए हैं. हमारी सरकार ने इन सालों में बिहार में महामार्ग निर्माण के लिए 14 हजार करोड़ रुपया, ग्रामीण सड़क के लिए 22 हजार करोड़ रुपये खर्च किए. सरकार ने रेलवे के लिए 56 हजार करोड़ खर्च किया है. हवाईअड्डे के लिए 1280 करोड़ और पर्यटन के लिए 1600 करोड़ खर्च हुआ है. इसके अलावा पेट्रोलियम गैस के लिए 32 हजार करोड़, बिजली के लिए 16 हजार कहा था 14 हजार करोड़ खर्च किया जा चुका है.
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