आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बिल किसी दुरुपयोग के लिए नहीं लाया गया है. किसी भी डेटा के दुरुपयोग की संभावना नहीं. उन्होंने कहा कि जो लोग मानव अधिकारों की चिंता कर रहे हैं वह उन लोगों के भी मानवाधिकारों के चिंता करें जो पीड़ित होते हैं.
अमित शाहग ने कहा, "यह बिल कानून के मुताबिक चलने वाले लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करता है..लोग कह रहे हैं कि यह जल्दी क्यों आ गया, मेरा कहना है कि इतनी देर हो गई." उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का हवाला देने वालों को भी रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में सोचना चाहिए। वे (विपक्ष) केवल बलात्कारियों, लुटेरों की चिंता करते हैं, लेकिन केंद्र कानून का पालन करने वाले नागरिकों के मानवाधिकारों की चिंता करता है.
डेटा के दुरुपयोग को लेकर उठे सवाल पर अमित शाह ने कहा, "वैसे तो सब डेटा, इनकम टैक्स का डेटा भी किसी अफसर के हाथ में होता है. आधार का डेटा भी अन्ततोगत्वा किसी अफ्सर के हाथ में होता है. तो क्या डेटा ही नहीं करना. 18वीं सदी की तरह कागज़ रखना शुरू कर दें. कहां ले जाएंगे इस शंका के वातावरण को हम."
अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, इन सब सरकारों ने इतना तो नहीं, मगर 1920 के कानून को बदलने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हमने सभी सरकारों से चर्चा की और फिर ये बिल लेकर आए हैं. शाह ने कहा कि हमने सबसे संपर्क किया था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सिर्फ 10 राज्यों ने अपने अभिप्राय भेजे.