Amit Shah Interview: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई पर अब राजनीति शुरू हो चुकी है. कांग्रेस पार्टी इसे बदले की कार्रवाई बता रही है, तो वहीं बीजेपी का साफ कहना है कि देश में कोई भी कानून से बड़ा नहीं हो सकता. राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई पर अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी भी सामने आई है. उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी का प्रोपेगेंडा करार दिया.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस की ओर से बहुत बड़ी भ्रांति फैलाने का काम किया जा रहा है. हमारे कानून में प्रावधान है कि यदि किसी भी व्यक्ति को 2 साल की सजा होती है तो 3 महीने का समय उसको मिलेगा, अपनी सजा को स्टे कराने के लिए. सजा को स्टे कराना और दोष को स्टे कराना 2 अलग बातें हैं. कानून में ये प्रोविजन ही नहीं है कि अदालत जब किसी भी व्यक्ति को 2 साल या उससे अधिक सजा करती है, वो उस दोष पर रोक लगा सके."
'कानून के तहत हुई है कार्रवाई'
गृहमंत्री ने कहा, "कन्विक्शन स्टे नहीं हो सकता है. 2013 में लिलि थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दिया है कि तीन महीने नहीं मिलेंगे. जिस क्षण से सजा होती है, उसी क्षण से आपकी सदस्यता रद्द हो जानी चाहिए. ये यूपीए के समय में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है. हम तो दूर-दूर तक नहीं थे. हम तो आज भी जजमेंट को सुधारना नहीं चाहते." ये बातेंं गृहमंत्री शाह ने नेटवर्क 18 पर दिए गए अपने इंटरव्यू में कहीं.
कांग्रेस के विरोध को बताया एरोगेंस
उन्होंने आगे कहा, "लालू को बचाने के लिए मनमोहन सरकार में एक ऑर्डिनेंस लाया गया था. जिसे राहुल गांधी ने पूरे देश के सामने नॉनसेंस कहकर फाड़ दिया था. उसके बाद उसे विड्रॉ कर लिया गया. आज यदि वह कानून होता, तो शायद वह बच जाते." शाह ने आगे कहा, "उन्होंने अब तक अपने दोष पर रोक लगाने के लिए अपील भी नहीं की है. ये किस प्रकार की एरोगेंसी है?" शाह ने पूछा, "आप मेंबर ऑफ पार्लियामेंट भी बने रहना चाहते हो और अदालत के सामने भी नहीं जाओगे. ये एरोगेंसी कहां से जनरेट होती है?"
राहुल से पहले भी लोगों की गई सांसदी
गृहमंत्री ने बताया कि राहुल गांधी पहले शख्स नहीं हैं जिनकी संसद सदस्यता रद्द हुई हो, उनसे पहले भी लोग इस कानून के तहत सांसदी खो चुके हैं. शाह ने बताया, "लालू प्रसाद यादव पहले शख्स बने, उसके बाद जयललिता पर भी कार्रवाई हुई. राशिद अल्वी पर भी कार्रवाई हुई. राहुल गांधी के साथ ऐसे 17 लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है."
'गांधी फैमिली के लिए अलग कानून नहीं'
गृहमंत्री ने कहा, "किसी ने काले कपड़े नहीं पहने, हाय-तौबा नहीं की, क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है. देश का कानून है. लेकिन अब इन पर आ गई तो कांग्रेस वाले कहते हैं कि गांधी फैमिली के लिए एक अलग कानून बनाना चाहिए." शाह ने आगे कहा, "ये किस मेंटालिटी में जीते हैं. किसी के लिए अलग कानून बनना चाहिए क्या? कुछ भी होता है तो मोदी जी पर आरोप लगा देते हैं. लोकसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस के बड़े-बड़े वकील भी नहीं समझाते."