जयपुर: बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. राजस्थान के जोधपुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी ने यह कानून पढ़ा है तो वह कहीं भी उनसे बहस करने के लिए आ जाएं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को वोट बैंक की राजनीति की आदत पड़ गई है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह इस कानून का दुष्प्रचार कर रही है. अमित शाह ने सवालिया लहजे में कहा कि विपक्ष को यह बताना चाहिए कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की संख्या कम क्यों हुई. उन्होंने विपक्षी पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा कि वह साबित करे कि कैसे इस कानून से किसी व्यक्ति की नागरिकता जाएगी. अमित शाह ने कहा कि वह शरणार्थियों के मानवाधिकार की रक्षा करेंगे.
अमित शाह ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''साहब हमने कुछ नया नहीं किया है, आपके घोषणा पत्र के एक प्वाइंट पर अमल किया है और आप विरोध कर रहे हो. ये सब बाद में कर लीजिए, कोटा में जो बच्चे हर रोज मर रहे हैं, उसकी चिंता कर लीजिए, माताओं की हाय लगेगी और दिल्ली के दरबार में ज्यादा मत झुकिए.''
उन्होंने कहा, ''विपक्ष के लोग देश को गुमराह कर रहे हैं कि इससे भारत के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी, लेकिन मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये क़ानून नागरिकता देने का है, किसी की नागरिकता छीनने का नहीं.''
अमित शाह ने कहा, ''वीर सावरकर जैसे इस देश के महान सपूत और बलिदानी का भी कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है. कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो. वोटबैंक के लालच की भी हद होती है. वोटबैंक के लिए कांग्रेस ने वीर सावरकर जैसे महापुरुष का अपमान किया है.''
इसके अलावा कल एबीपी न्यूज के कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में भी अमित शाह ने सीएए और एनआरसी पर सभी सवालों के जवाब दिए थे और उसमें कहा था कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं ले सकता. ये नागरिकता देने का प्रावधान है. सीएए को लेकर गलतफहमी फैलाई गई है. सीएए और एनआरसी को जोड़कर देखे जाने पर उन्होंने कहा कि ये दो अलग-अलग विषय हैं. एक्ट में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. सीएए पर उन्होंने कहा कि इसमें संविधान के आर्टिकल 14 (ए) का उल्लंघन नहीं होता है. धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा रही है. शरणार्थी हमारे भाई हैं, उन्हें सम्मान देंगे. उन्होंने कहा कि प्रताड़ित मुसलमानों को भी नागरिकता दी गई है. एनआरसी पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. जब लाएंगे तब चर्चा होगी.
इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को चुनौती दी कि वो एक प्रोविजन बता दें जिससे किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता जा रही हो. सीएए और एनआरसी को जोड़ना ही गुमराह करना है. ये लोग कानून पढ़े बिना अफवाह फैला रहे हैं. कांग्रेस के आरोप पर गृहमंत्री ने सवाल पूछा कि जहां कांग्रेस की सरकार है वहां हिंसा क्यों नहीं हुई? जनता समझ रही है कि हिंसा कौन करवा रहा है.