(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Amit Shah Meeting: मणिपुर पर मोहन भागवत के बयान के बाद एक्टिव हुए अमित शाह, बुलाई हाई लेवल मीटिंग, आर्मी चीफ भी पहुंचे
Amit Shah Meeting On Manipur Security: मणिपुर में हिस्सा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई जिसमें सेना प्रमुख से लेकर आईबी चीफ के साथ-साथ मणिपुर के टॉप के अधिकारी शामिल हुए.
Amit Shah High Level Meeting: देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर हिंसा के मामले को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्टिव हो गए हैं. उन्होंने सोमवार (17 जून) को मणिपुर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करने के लिए एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई. मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से जातीय हिंसा का माहौल है.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय बैठक की. मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने रविवार को शाह से मुलाकात की थी और समझा जाता है कि दोनों ने राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की. बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
बैठक में कौन-कौन लोग हुए शामिल?
इस हाईलेवल मीटिंग में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी चीफ तपन देका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के प्रमुख सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर शामिल हुए जो नॉर्थ ब्लॉक में हुई.
मोहन भागवत ने जताई थी चिंता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी. भागवत ने नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.’’ आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं.
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