नई दिल्ली: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अमित शाह के आज तीन साल पूरे हो गए हैं. अगस्त, 2014 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद पार्टी संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ अमित शाह के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनने का गौरव भी हासिल किया है.
शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने चलाया ‘महासदस्यता अभियान’
अमित शाह के नेतृत्व में देश भर में बीजेपी का ‘महासदस्यता अभियान’ चलाया गया और देश भर के कोने-कोने से लोग बीजेपी से जुड़े. अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने हर स्तर पर चुनावी सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए. चाहे वह विभिन्न राज्यों के विधान सभा चुनाव हो, चाहे वह स्थानीय निकायों के चुनाव हों या फिर उप-चुनाव. अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से जितने भी चुनाव हुए, लगभग उन सभी चुनावों में बीजेपी को जीत हासिल हुई.
चुनावों में ऐतिहासिक जनादेश
जिन राज्यों में बीजेपी सरकार नहीं बना पाई, वहां भी बीजेपी के मत प्रतिशत में काफी इज़ाफा हुआ है. आज देश के 13 राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं. जबकि पांच अन्य राज्यों में बीजेपी के सहयोगियों की सरकारें हैं. 2017 में हुए पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी ने चार राज्यों में जीत हासिल की. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी को तीन चौथाई बहुमत प्राप्त हुआ.
आज देश के लगभग सभी बड़े राज्यों, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार में बीजेपी की सरकार है. हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी बीजेपी ने अपना प्रचम लहराया है.
जम्मू-कश्मीर, असम और मणिपुर में तो आज़ादी के बाद पहली बार बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी. हरियाणा में पहली बार बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की. केरल विधान सभा में आज़ादी के बाद पहली बार बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
पूर्वोत्तर के चार राज्यों में बीजेपी और एनडीए की सरकार
पूर्वोत्तर के चार राज्यों में आज बीजेपी और एनडीए की सरकार है. महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में भी बीजेपी को अभूतपूर्व सफलता हासिल हुई. ओडिशा में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में बीजेपी को ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई.
देश के कोने-कोने तक पहुंचा संगठन
अमित शाह ने पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए पहली बार 'जन-संवाद' कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें आमजन, कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी बिना पहले से समय लिए भी मिल सकते हैं.
अमित शाह ने देश के कोने-कोने में पार्टी और संगठन को मजबूत करने के लिए 110 दिनों का विस्तृत प्रवास कार्यक्रम शुरू किए. बीजेपी अध्यक्ष ने चुनावी रैलियों के साथ-साथ कार्यकर्ता सम्मेलन पर भी ध्यान केन्द्रित किया. इसके अलावा उन्होंने देश भर के बुद्धिजीवियों, लेखकों और सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को भी बीजेपी से जोड़ने की कवायद भी शुरू की ताकि देश को बीजेपी और सरकार के विजन से सही मायनों में अवगत कराया जा सके.
राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए
अमित शाह के कार्यकाल में पहली बार पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए गए. लगभग 8 लाख से भी अधिक कार्यकर्ता इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़े.
अमित शाह ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्यों के चुनावों के दौरान लगभग 500 रैलियां की. अपने विस्तृत प्रवास कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और समाज के दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित के घर भोजन किया. सरकार और पार्टी के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए अमित शाह ने लगातार सरकार के मंत्रियों से संपर्क रखा.