नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के बाद अब बिहार भी बाढ़ की चपेट में आ गया है. असम में ज्यादातर जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. वहीं बिहार में आज छह जिलों में पानी घुस आया. इस बीच नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. बैठक में मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों के दौरान, असम और बिहार में भारी बारिश हुई है और अगले 48 घंटों में दोनों राज्यों में भारी बारिश होगी.


बैठक के बाद गृह राज्यमंत्री और बिहार के उजियारपुर से सांसद नित्यानंद राय ने कहा, ''गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विभाग को बाढ़ प्रभावित राज्यों के संपर्क में रहने और आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए.''



बिहार में बाढ़ की स्थिति
बिहार के उत्तरी हिस्सों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे राज्य के कम से कम छह जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. राज्य में भारी बारिश कोसी और सीमांचल के क्षेत्रों में तबाही लेकर आई है. कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

ये जिले हैं प्रभावित
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया, "राज्य के छह जिले शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया और किशनगंज के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. राहत और बचाव कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं." उन्होंने कहा कि विभाग पूरी तरह अलर्ट है.

अररिया और पूर्णिया के इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है. भारी बारिश के चलते नेपाल से निकलने वाली नदियों ने चंपारण में तबाही मचानी शुरू कर दी है. लालबकेया, बागमती और बूढ़ी गंडक ने चंपारण, शिवहर और मुजफ्फरपुर के कई गांवों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. पूर्वी चंपारण के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

बिहार के पूर्वी चंपारण में बाढ़ की स्थिति

बिहार के पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण चार प्रखंडों के आधा दर्जन गांवों का बगहा अनुमंडल से संपर्क भंग हो गया है. कुछ जिलों में बाढ़ के कारण विद्यालयों में भी छुट्टी कर दी गई है. मधुबनी जिले में कमला नदी जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

समस्तीपुर रेल मंडल के बैरगनिया-कुंदवा चौनपुर रेलखंड पर रेल पटरी पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का परिचालन शनिवार सुबह तीन बजे से रोक दिया गया है. अररिया जिले के जोगबनी के निचले इलाके में शुक्रवार देर रात बाढ़ का पानी घुस गया और जोगबनी स्टेशन पर रेल पटरी पानी में डूब गई. रेल पटरी के पानी में डूब जाने से रेल गाड़ियों का परिचालन ठप हो गया है. कई रेल गाड़ियों को रद्द कर दिया गया या कुछ को कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर फारबिसगंज से चलाया गया.

असम में बाढ़
ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के पानी से जूझ रहे असम राज्य के ज्यादातर जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. यहां बाढ़ से छह लोगों की मौत हुई है और 8.7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार प्रभावित जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, नलबाड़ी, चिरांग, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट, डिब्रूगढ़, नगांव, मोरीगांव, कोकराझार, बोंगाईगांव, बक्सा, सोनितपुर, दर्रांग और बारपेटा शामिल हैं.

काजीरंगा संभागीय वन अधिकारी रुहिनी सैकिया ने बताया कि बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी प्रभावित हुआ है, जिसके कारण अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजरने वाहनों की आवाजाही सीमित करने के लिये सड़क पर अवरोधक स्थापित किये हैं. गोलाघाट प्रशासन ने उद्यान के आस-पास सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है क्योंकि बाढ़ की वजह से पशु यहां से निकलकर अपनी सुरक्षा में ऊंचाई वाले स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर कार्बी आंगलोंग पर्वतीय क्षेत्र की ओर जा रहे हैं.