Cyber Awareness: अमित शाह का साइबर सुरक्षा पर जोर, धोखाधड़ी से निपटने के लिए सरकार की नयी पहल, जानें क्या है खास?
Amit Shah: गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' पर बैठक की अध्यक्षता की जिसमें साइबर अपराधों से निपटने के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर चर्चा की गई.

Cyber Security: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई जिनमें खासतौर पर म्यूल अकाउंट्स की पहचान और उन्हें ऑपरेट होने से पहले ही बंद करने की योजना शामिल है. गृह मंत्री ने बैठक में ये स्पष्ट किया कि इस दिशा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दिए गए 'रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें' के मंत्र पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस मंत्र के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि साइबर अपराध से बचने के लिए लोग सतर्क रहें. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार द्वारा साइबर अपराधों से निपटने के लिए अपनाई जा रही चार रणनीतियों पर भी चर्चा की जो हैं - Convergence, Coordination, Communication और Capacity.
साइबर अपराधों से निपटने के लिए जागरूकता जरूरी
गृह मंत्री ने ये भी कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर हेल्पलाइन '1930' की महत्ता को बढ़ाना और लोगों को इसके इस्तेमाल के लिए जागरूक करना बेहद जरूरी है. उन्होंने ये सुझाव दिया कि साइबर स्पेस में सॉफ्टवेयर, सर्विसेज और यूजर्स इन तीनों के संयुक्त प्रयासों से ही साइबर धोखाधड़ी से पूरी तरह निपटा जा सकता है.
संसदीय समिति ने साइबर सुरक्षा पर विचार किए
इस बैठक के दौरान संसदीय समिति के सदस्यों ने साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों पर अपने विचार शेयर किए और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना की. उन्होंने सरकार के प्रयासों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा और इससे जुड़े अलग-अलग उपायों को और प्रभावी बनाने के सुझाव भी दिए.
गृह मंत्री अमित शाह ने इस बैठक में स्पष्ट किया कि साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान केवल सरकार के द्वारा नहीं बल्कि सभी साइबर स्पेस से जुड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों के समग्र प्रयासों से ही संभव है. साइबर धोखाधड़ी और अपराधों के खिलाफ ये एक संयुक्त लड़ाई होगी जिसमें तकनीकी विकास के साथ-साथ समाज में जागरूकता भी जरूरी है.
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