MP Election 2023: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. मंगलवार (11 जुलाई) की रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के दस बड़े नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान शाह के साथ मध्य प्रदेश बीजेपी के नवनियुक्त चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विन वैष्णव भी मौजूद रहे. 


इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में भी फेरबदल हो सकता है. राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जाने लगे कि सरकार नहीं तो संगठन में ही फेरबदल हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 


अमित शाह ने क्या शिकायत की?
शाह ने मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चुनाव की तैयारियों को लेकर हाल तो जाना ही साथ ही अनेक मुद्दों पर पार्टी के सभी नेताओं को आगाह भी किया.


उन्होंने इस बात की शिकायत कि आप सब जीत को लेकर आश्वस्त क्यों नहीं हो? क्यों छोटी से घटनाओं से घबराते हैं. अब जीत का आत्मविश्वास पैदा कीजिए और एक जुट होकर जुट जाइए.


अमित शाह ने बीच-बीच में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रेसिडेंट वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर का नाम लेकर भी छोटी छोटी जिम्मेदारियां संभालने को कहा. 


बैठक से क्या साफ हो गया?
बैठक से साफ हो गया कि फिलहाल सत्ता संगठन में बदलाव नहीं है. चुनाव की पूरी कमान अमित शाह की दिल्ली टीम ने संभाल ली है. चुनाव के प्रभारी आने वाले शनिवार-रविवार को फिर भोपाल में रहेंगे. 


ये साफ है कि इस बार कोई जन आशीर्वाद यात्रा नहीं निकलेगी, उसकी जगह विजय संकल्प अभियान चलाया जाएगा. शाह के भोपाल आने से चुनाव की पूरी चर्चा का विषय कांग्रेस और बीजेपी से हटकर पीएम मोदी और अमित शाह का हो गया है. ये शायद अमित शाह का मकसद भी था. 


इस मीटिंग के बाद बीजेपी के एक नेता ने कहा कि अब मध्य प्रदेश केंद्र शासित प्रदेश में बदल गया है. यहां अब सारे फैसले केंद्र में बैठे लोग ही लेंगे. 18 साल की सरकार और सोलह साल के मुख्यमंत्री के लिए ये अच्छी बात नहीं है.


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