Jammu Kashmir Election 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (22 सितंबर 2024) को बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र रैना के समर्थन में प्रचार करने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा पहुंचे. उन्होंने जनसभा में प्रमुख रूप से आतंकवाद के मुद्दे पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को घेरा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आतंकवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने विधानसभा चुनाव में घाटी की जनता से रविंद्र रैना के पक्ष में मतदान करने की अपील की. उन्होंने कहा, "अगर घाटी की जनता रैना के समर्थन में मतदान कर उन्हें विजयी बनाएगी, तो हम नौशेरा घाटी में विकास की नई मिसाल कायम करेंगे." केंद्रीय मंत्री ने आतंकवाद का जिक्र कर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस पर निशाना साधा.
अमित शाह का खरगे को जवाब
गृह मंत्री ने कहा, “अब्दुल्ला साहब, आप चिंता मत कीजिए, चुनाव संपन्न होने के बाद हम लोग श्वेतपत्र लेकर आने वाले हैं, जो कांग्रेस को, आपको और मुफ्ती परिवार को पूरी तरह से एक्सपोज करेगा. आखिर आतंकवाद घाटी में कौन लेकर आया? किसकी शह पर आया? उस वक्त केंद्र में किसकी सरकार थी और घाटी में किसका शासन था? किसने आतंकवादियों के साथ बिरयानी खाई थी? यह पूरा कच्चा चिट्ठा हम खोलकर रखने वाले हैं.”
इससे पहले शनिवार (21 सितंबर 2024) को जम्मू में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि पाकिस्तान बिरयानी खाने कौन गया था?
चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “हाल ही में कांग्रेस के पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि पहले उन्हें लाल चौक जाने से डर लगता था. अब आप देखिए देश का पूर्व गृह मंत्री लाल चौक पर जाने से डरता है. कोई बात नहीं शिंदे साहब. अपनी-अपनी फितरत होती है, लेकिन मैं अब गृह मंत्री हूं, मैं आपसे कहता हूं कि आप पोते-पोतियों के साथ लाल चौक जाइए, आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा.”
'कांग्रेस घाटी में आतंकवाद वापस लाना चाहती'
गृह मंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह पार्टी घाटी में फिर से आतंकवाद को स्थापित करना चाहती है. घाटी के लोग आज की तारीख में चैन की नींद सो रहे हैं. चौतरफा शांति की बयार बह रही है, लेकिन कांग्रेस की मानसिकता देखिए कि वो फिर से घाटी में आतंकवाद को वापस लाना चाहती है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है, तब तक कांग्रेस का यह ख्वाब किसी भी कीमत पर मुकम्मल होने वाला नहीं है.”
उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर भी फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा. गृह मंत्री ने कहा, “फारूक अब्दुल्ला बोलते हैं कि वो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लाकर रहेंगे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर इनकी तीन पीढ़ियां भी गुजर जाएंगी, तो भी उनका यह ख्वाब पूरा नहीं होगा. वो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर सकते हैं. आज घाटी में चौतरफा शांति की बयार बह रही है, जिसे कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं, लेकिन मैं ऐसा होने नहीं दूंगा.”
जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने आतंकवाद को घाटी से जड़ से खत्म करने की दिशा में प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम घाटी में लोगों को शांतिपूर्ण जीवन देने के लिए आतंकवाद को जड़ से खत्म कर देंगे. गृह मंत्री ने कहा कि अगर किसी ने घाटी की शांति में खलल पैदा करने की कोशिश की तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम माकूल जवाब देंगे जैसा पहले नहीं कर पाते थे.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "आज की तारीख में हम ईंट का जवाब पत्थर से दे रहे हैं और यह सब कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व की वजह से मुमकिन हो पाया है, जिसे घाटी के लोग भली भांति समझ रहे हैं. अगर घाटी में फिर से आतंकवाद या पत्थरबाजी हुई, तो मुझे यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि हम उसे पाताल में दफना देंगे.
ये भी पढ़ें : 'कब तक हमारे लोग मरते जाएंगे?', आर्टिकल 370 का जिक्र कर फारूक अब्दुल्ला ने की पाकिस्तान से बातचीत की वकालत