(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमित शाह की अध्यक्षता में देशभर के IB अधिकारियों की हुई हाई लेवल मीटिंग, आंतरिक सुरक्षा समेत इन मुद्दों पर हुआ मंथन
Internal Security: अमित शाह इस मीटिंग में आतंकवाद, आंतरिक सुरक्षा, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाले नेटवर्क समेत अन्य पहलुओं का जायजा लेंगे, जिससे की देश में मजबूत आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
Amit Shah IB Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित (Amit Shah) की अध्यक्षता में बुधवार (9 नवंबर) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में देश भर के इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों की एक दिवसीय हाई लेवल मीटिंग का आयोजन किया गया. इस मीटिंग में देश की आंतरिक सुरक्षा के हालात, आतंकवाद के खतरे समेत केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर मंथन हुआ.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एएनआई को बताया था कि गृह मंत्री अमित शाह मीटिंग में आतंकवाद, आंतरिक सुरक्षा, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाले नेटवर्क समेत अन्य पहलुओं का जायजा लेंगे, जिससे की देश में मजबूत आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. सूत्रों ने बताया कि देशभर के खुफिया संबंधी मुद्दों से जुड़े कई सीनियर अधिकारी मीटिंग में शामिल हुए. उनके अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आईबी चीफ तपन डेका भी इस मीटिंग में शामिल हुए.
पिछले महीने गृह मंत्रियों के साथ चिंतन शिवर
पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में देशभर के गृह मंत्रियों के साथ हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिवर आयोजन किया गया था. गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बनी. इनमें बिहार और झारखंड को नक्सल मुक्त करना, आंतरिक सुरक्षा पर साथ काम करना, साइबर क्राइम, आतंकवाद, नशे का कारोबार करने वाले और अन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को सजा दिलवाना, फॉरेंसिक जांच शामिल हैं.
चिंतिन शिविर में कहा गया कि 2047 की योजना के तहत केंद्र और राज्य सहयोगात्मक रवैया अपनाकर साथ काम करें. चिंतन शिवर में यह बात भी निकलकर आई कि उत्तर पूर्व में पिछले 8 साल में 9200 सशस्त्र आंदोलनकारियों ने सरेंडर किया.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में दावा
केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने सोमवार (7 नवंबर) को अपनी सलाना रिपोर्ट जारी की थी. मंत्रालय की ओर से इसमें दावा किया गया कि 2021 देश की आतंरिक सुरक्षा के हालात कंट्रोल में रहे. देश में आतंरिक सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत रखना केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता है. केंद्र ने आंतरिक सुरक्षा को प्राथमिका दी है और इसी कारण से भारत की आतंरिक स्थिति मजबूत बनी हुई है.
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