Amit Shah: ड्रग्स पर अमित शाह की चोट, कहा- युवा पीढ़ी को यह कर रहा खत्म, आतंकवाद को भी देता है बढ़ावा, दोनों पर प्रहार जरूरी
Amit Shah News: बैठक में अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नशा-मुक्त भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में गृह मंत्रालय और भारत सरकार की सभी ऐजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं.
Amit Shah in ‘Drug Trafficking and National Security' Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में "मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा" पर एक उच्च स्तरीय क्षेत्रीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नशा-मुक्त भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में गृह मंत्रालय और भारत सरकार की सभी ऐजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि आज के इस विशेष अभियान मे NCB दिल्ली, NCB अहमदाबाद और गुजरात पुलिस द्वारा लगभग 1864 करोड़ रुपये के ड्रग्स का विनष्टिकरण किया जा रहा है. इसके साथ ही अब तक लगभग 1 लाख 65 हजार किलोग्राम जब्त मादक पदार्थों का विनष्टिकरण किया जा चुका है.
गुजरात के काम को सराहा
उन्होंने कहा कि देश के पश्चिमी तट से हेरोइन की तस्करी पर नकेल कसना बहुत जरूरी है और इस दिशा में गुजरात ने बहुत अच्छा काम किया है. इसके लिए मैं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी और गुजरात पुलिस को बधाई देता हूं. नारकोटिक्स दीमक की तरह हमारी युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है और इसके व्यापार से आने वाला अवैध धन आतंकवाद को भी पोषित करता है, इन दोनों मोर्चों पर करारा प्रहार करने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकारों की सभी ऐजेंसियां और पुलिस को एक स्पिरिट के साथ लड़ना और जीतना होगा.
इस फॉर्मूले पर काम करने को कहा
उन्होंने कहा कि टॉप टु बॉटम और बॉटम टु टॉप अप्रोच को अपनाते हुए ड्रग्स के सोर्स और डेस्टिनेशन, दोनों पर प्रहार कर इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की आवश्यकता है. 2006 से 2013 तक कुल 1257 मामले दर्ज हुए जबकि 2014 से 2022 तक 3172 मामले दर्ज हुए. इसमें कुल 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2006 से 2013 तक कुल 768 करोड़ रुपये की 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्त हुई, जबकि 2014 से 2022 तक 20 हज़ार करोड़ रुपये की 3.33 लाख किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्त हुई.
राष्ट्रीय प्रयास पर दिया जोर
अमित शाह ने बैठक में कहा कि, इस प्रकार के क्षेत्रीय सम्मेलनों के बाद जिलास्तरीय NCORD की रचना हुई है. राज्यों के हाई कोर्ट, FSL का उपयोग भी बढ़ा है, प्रशासन द्वारा स्पेशल कोर्ट की अनुमति मांगने की संख्या भी बढ़ी है. मादक पदार्थों के प्रसार का मुद्दा केंद्र या राज्य का मुद्दा नहीं है बल्कि ये एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इसके अंतर्गत प्रयास भी राष्ट्रीय होने चाहिए.
नियमित रूप से हो इस तरह की बैठक
उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर NCORD की मीटिंग नियमित रूप से हो, जिससे केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय बन सके और प्रभावी नीतियों के साथ-साथ कार्य योजना तैयार की जा सके. पश्चिमी क्षेत्रों में फॉरेंसिक साइंस लैब का उन्नयन करके इसमें पुलिस आधुनिकीकरण योजना और फॉरेंसिक निदेशालय से सहायता लेने को शामिल किया गया है.
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