नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में शुरू हुए 5वें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि संसार की सारी समस्याओं का समाधान केवल और केवल रामायण में है. उन्होंने कहा कि हजारों सालों में पूरे जीवन की अभिव्यक्ति किसी ग्रंथ में है, तो वो रामायण है. रामायण के अलग अलग पहलुओं की बात करते हुए अमित शाह ने कहा, ''समुद्र को चेतावनी देते हुए राम को सुनेंगे तो युद्ध कितनी भयानक बात है समझ जाएंगे. रावण और लक्ष्मण का संवाद सुनेंगे तो सुशासन के सारे गुण इसके अंदर समझ सकते हैं. स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध भी करना जरूरी हो तो करना चाहिए.''


 शाह ने कहा, "रामायण आपकी व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय और वैश्विक समस्याओं का समाधान है." इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में विदेशी प्रतिनिधिमंडल अपनी रामायण की व्याख्याओं की प्रस्तुति देंगे. थाईलैंड के बुंडितपट्टनैलपा संस्थान के कॉलेज ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स, श्रीलंका का एक डांस गिल्ड, कम्बोडिया का आर्टिस्ट ट्रप, मॉरीशस का नोट्रे डेम काली मां मंदिर एसोसिएशन समेत कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि इस रामायण की प्रस्तुति में शामिल हो रहे हैं.


कोई आश्चर्य नहीं कि शाह ने इसे विदेशों में 'भारत का सांस्कृतिक राजदूत' कहा. तथ्य यह है कि इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे इस्लामिक देशों ने भी रामायण के अपने संस्करण को प्रस्तुत करने के लिए अपनी टीमों को भेजा है, जो शाह के दावे की पुष्टि करता है.


लेकिन सांस्कृतिक प्रदर्शन और उच्च प्रोफाइल उपस्थित लोगों से परे, इस आयोजन ने राम, रामायण और रामराज्य को बड़े सूक्ष्म तरीके से बढ़ावा देने का काम किया है. आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने दावा किया था कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल अयोध्या का भी दौरा करेंगे और विवादित स्थल पर प्रार्थना करेंगे. कहने की जरूरत नहीं है कि यह हिंदुओं के साथ-साथ भाजपा द्वारा किए जा रहे उन दावों की पुष्टि करेगा कि यह जमीन 'रामलला' की है.