पार्टी कार्यकर्ता और दलित नेता राजू की हाल ही में बदमाशों ने हत्या कर दी थी. इसी बहाने बीजेपी राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रही है. परिजनों से मुलाकात के बाद अमित शाह ने कहा कि राज्य में जीत के बाद राजू के हत्यारों को पाताल से भी खोज लाएंगे.
शाह ने कहा, ''कांग्रेस शासन में बीजेपी-आरएसएस कार्यकर्ताओं की हुई हत्या की हम निंदा करते हैं. हमारे 24 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई और पुलिस ने घटना को अंजाम तक पहुंचाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. सिद्धारमैया सरकार का समय पूरा हो चुका है और बीजेपी सत्ता में आएगी तो न्याय किया जाएगा.''
शाह बोले- मैं गलती कर सकता हूं, जनता नहीं
अमित शाह ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार येदियुरप्पा पर अपनी जुबान फिसलने पर भी बयान दिया और इसी बहाने कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मैंने गलती से सिद्धारमैया को भ्रष्ट कहने की बजाए येदियुरप्पा को भ्रष्ट बता दिया, उसके बाद तो कांग्रेस पार्टी चुटकी लेने लगी. लेकिन उन्हें ज्यादा दिनों तक ये मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि मैं गलती कर सकता हूं, कर्नाटक की जनता गलती नहीं करेगी.''
आपको बता दें कि मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शाह की जुबान फिसल गई थी। वह कांग्रेस सरकार की बुराई करते-करते बोल पड़े- "पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येद्दियुरप्पा ने देश में अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार चलाई है."
राज परिवार से मिले शाह
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने मैसूर राज परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णदत्ता चामराज वाडियार और महारानी प्रमोदा देवी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद शाह ने ट्वीट कर कहा कि मुलाकात बहुत अच्छी रही. मैसूर राजघराने का कर्नाटक में हाल के चुनावों में राजनीतिक प्रभाव रहा है. ऐसे में शाह की यह मुलाकात अहम माना जा रहा है.
लिंगायत पर नजर
अमित शाह ने मैसूर में चुनावी अभियान की शुरुआत लिंगायत के बीच प्रसिद्ध सुत्तूर मठ जाकर की. जहां उन्होंने श्रीवराटेश्वर स्वामीजी का आशीर्वाद लिया. शाह अपने चुनावी अभियान के दौरान कई मठों का दौरा कर चुके हैं. दरअसल, बीजेपी के पारंपरिक वोटर लिंगायत में कांग्रेस ने सेंध लगाने की कोशिश है.
पिछले दिनों राज्य की कांग्रेस सरकार ने लिंगायत को हिंदू धर्म से अलग दर्जा दिये जाने का फैसला किया और आखिरी मुहर के लिए ड्राफ्ट केंद्र सरकार को भेज दिया. केंद्र में बीजेपी सत्तारूढ़ है. बीजेपी ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा दिये जाने पर खुलकर बयान तो नहीं दिया है लेकिन कांग्रेस सरकार के फैसले को धर्मों को बांटने वाला करार दिया है.
राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 प्रतिशत है और राजनीतिक तौर पर काफी प्रभावशाली है. इस वोट पर सभी दलों की नजर है. कर्नाटक में बीजेपी का मुख्यमंत्री चेहरा बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से हैं.
दो दिवसीय है दौरा
अमित शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामानागर जिलों के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इन क्षेत्रों में 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक भी सीट हाथ नहीं लगी थी. जबकि इन जिलों में 26 विधानसभा सीटें आती हैं. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस क्षेत्र का दो दिनों के लिए दौरा किया था.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 12 मई को होगा. चुनाव एक ही चरण में होंगे. कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं. कांग्रेस के पास 122 और बीजेपी के पास 43 सीटें हैं. बीजेपी कर्नाटक को दक्षिण के प्रवेशद्वार के तौर पर देख रही है, जहां वह अपने आधार को बढ़ाना और 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोकसभा सीटों के लिए अपनी जड़ें जमाना चाहती है. बीजेपी यहां 2008 से 2013 तक सत्ता में रही थी.