नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में एतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी मंत्रिमंडल के सदस्यों ने गुरुवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए हैं. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. खबरों की माने तो पार्टी अध्यक्ष का पद जेपी नड्डा को सौंपा जा सकता है. लोकसभा चुनाव में नड्डा को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जहां पार्टी ने 62 सीटें जीतीं हैं.
अमित शाह को मिल सकती है किसी बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी
खबरों की माने तो अमित शाह मोदी कैबिनेट में किसी बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. शाह को वित्त मंत्रालय दिया जा सकता है. हालांकि उन्हें विदेश मंत्रालय मिलने की चर्चा भी जोरों पर हैं. लेकिन उन्हें विदेश मंत्रालय मिलने की संभावना इसलिए कम नज़र आ रही है क्योंकि मोदी कैबिनेट में इस बार जय शंकर को शामिल किया गया है. वह विदेश सचिव के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. साथ ही उन्हें विदेशी मामलों की अच्छी जानकारी है.
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अमित शाह ने गांधीनगर से जीता इस बार चुनाव
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहते हुए पार्टी और संगठन को लगातार मजबूत करने में लगे रहे. उनकी मेहनत का नतीजा ही रहा कि पार्टी ने साल 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटों का आंकड़ा छुआ. इस बार उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव गुजरात के गांधीनगर से लड़ा था. यह सीट पार्टी का गढ़ माना जाता है. अमित शाह 5 लाख 54 हजार वोटों से चुनाव जीते हैं. इस सीट पर अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस ने डॉक्टर सीजे चावड़ा को मैदान में उतारा था. चावड़ा चुनाव हार गए हैं. इस बार लगभग अमित शाह को विदेश मंत्रालय मिलन तय माना जा रहा है क्योंकि मोदी सरकार 1 में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बार मंत्री पद की शपथ नहीं ली है.
नड्डा बन सकते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के बाद उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में बीजेपी नेता जे पी नड्डा का नाम उभरा है. नड्डा नयी मोदी सरकार में शामिल नहीं हुए हैं. शाह के मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल होने के बाद पार्टी के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत के तहत उन्हें बजेपी अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ सकता है.
नड्डा हिमाचल प्रदेश के ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और उन पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को काफी विश्वास है. उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी रहा है और उनकी छवि साफ सुथरी मानी जाती है. वह मोदी की अगुवाई वाली पहली राजग सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे. सूत्रों ने बताया कि नड्डा बीजेपी संसदीय बोर्ड के भी सदस्य है जो बीजेपी की शीर्ष निर्णय करने वाली संस्था है और इसका सदस्य होने के नाते वरिष्ठता के लिहाज से भी वह उपयुक्त माने जा रहे हैं.नड्डा अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं. यदि वह बीजेपी अध्यक्ष बनते हैं तो वह हिमाचल के पहले नेता होंगे.
कौन हैं जेपी नड्डा
जेपी नड्डा का जन्म 2 दिसंबर, 1960 में ब्राह्मण परिवार में डॉ. नारायण लाल नड्डा के घर हुआ. उनकी शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल पटना में हुई. पटना कॉलेज और पटना विश्वविद्यालय में बीए और एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की. 1993 में नड्डा पहली बार हिमाचल विधानसभा पहुंचे. 1994 से 1998 तक पार्टी समूह के नेता के रूप में कार्य किया. वर्ष 2008 से 2010 तक नड्डा वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे. जबकि पूर्व केंद्र सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे. नड्डा 16 साल की उम्र में छात्र राजनीति में उतर गए थे. उस समय बिहार में स्टूडेंट मूवमेंट चरम पर था. 1977 में पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में सचिव चुने गए, जबकि 13 साल विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे.
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