नई दिल्ली: एआईएमआई प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एनपीआर, एनआरसी की दिशा में पहला कदम है. उन्होंने सवाल किया कि गृह मंत्री अमित शाह देश को क्यों गुमराह कर रहे हैं. संसद में अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी पूरे देश में लागू होगा. बता दें कि न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी का कोई संबंध नहीं है. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने ये बात कही.


गृह मंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि अगर हम कहेंगे कि सूरज पूरब से उगता है तो ओवैसी जी कहेंगे कि पश्चिम से उगता है. इस पर ओवैसी ने कहा कि जब तक सूरज पूरब से उगता रहेगा, हम सच बोलते रहेंगे. एनपीआर, एनआरसी की तरफ पहला कदम है. ओवैसी ने कहा कि जब अप्रैल 2020 में एनपीआर हो जाएगा तो अधिकारी दस्तावेज मांगेंगे...फाइनल लिस्ट एनआरसी होगी.'' हम लोग सबकुछ जानते हैं इसलिए इसका विरोध कर रहे हैं. हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से कह रहे हैं कि भटकाने वाला बयान न दें.





NPR और NRC पर अमित शाह का बयान


अमित शाह ने कहा कि NPR जनसंख्या का रजिस्टर है. ये पॉपुलेशन रजिस्टर है. इसमें जो भी रहते हैं उनके नाम रजिस्टर किए जाते हैं. इसके आधार पर देश की अलग-अलग योजनाओं का आकार बनता है. एनआरसी में लोगों से दस्तावेज मांगे जाते हैं कि आप बताएं कि किस आधार पर आप देश के नागरिक हैं. इन दोनों प्रक्रिया का कोई लेना देना नहीं है. न ही दोनों प्रक्रिया का एक दूसरे के सर्वे में कोई उपयोग हो सकता है. एनपीआर के लिए जो अभी प्रकिया चलेगी उसका कभी भी एनआरसी के लिए उपयोग नहीं हो सकता. दोनों कानून भी अलग हैं. अमित शाह ने कहा कि एनपीआर को कोई भी डेटा एनआरसी के उपयोग में आ ही नहीं सकता क्योंकि ये अलग प्रक्रिया है.


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