Karnataka Politics: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) कर्नाटक दौरे पर बेंगलुरु पहुंचे. बताया जाता है कि अपनी कर्नाटक (Karnataka)यात्रा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) तथा राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं (Senior BJP Leaders) के साथ हाल के घटनाक्रम एवं पार्टी के संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की. शाह ने प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के साथ भी विचार-विमर्श किया. वह भारत की आजादी के 75 वें (75 years of Indian Independence) साल पर भारतीय उद्योग परिसंघ के आज के ‘संकल्प से सिद्धि’ (Sankalp Se Siddhi) कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बुधवार की रात को यहां पहुंचे थे.
शाह ने हाल की घटनाओं के बारे में ली जानकारी
सूत्रों के अनुसार शाह ने बीजेपी कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टार की हत्या समेत हाल की सांप्रदायिक हत्याओं पर चर्चा की. दक्षिण कन्नड़ जिले में नेट्टार की हत्या कर दी गयी थी जिसके बाद पार्टी और युवा मोर्चा ने कई स्थानों पर व्यापक प्रदर्शन किया था और उनके सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया था. हिंदुत्व विचारकों एवं संगठनों ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए राज्य सरकार पर हिंदू कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए नहीं खड़ा होने का आरोप लगाया.
राज्य के गृहमंत्री ने कहा-क्या पूछा, नहीं बता सकते
शाह ने राज्य के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र से दक्षिण कन्नड़ में हाल की हत्याओं एवं उनसे संबंधित घटनाओं की जानकारियां प्राप्त कीं. ज्ञानेंद्र ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ उन्होंने जो जानकारियां प्राप्त की हैं, उसके बारे में आपसे कुछ भी साझा नहीं कर सकता. बजाय यह कहने कि उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा, यह कहूंगा कि उन्होंने जानकारियां एकत्र की.’’
उन्होंने राज्य सरकार के कामकाज के शाह के संतुष्ट होने का दावा करते हुए कहा, ‘‘ उन्हें सारी जानकारियां मिलती रहती हैं, उन्हें उसके लिए बेंगलुरु आने की जरूरत नहीं है,..... समय समय पर वह सुझाव भी देते हैं.’’
संगठनात्मक बदलाव पर की चर्चा
सूत्रों ने कहा कि ऐसा बताया जाता है कि इस महीने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के खत्म होने जा रहे कार्यकाल के बीच शाह ने कुछ संगठनात्मक बदलाव के बारे में भी अनौपचारिक बातचीत की. सूत्रों के मुताबिक बोम्मई मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित विस्तार या फेरबदल पर चर्चा के संबंध में कोई स्पष्टता नहीं है.कतील ने अगस्त, 2019 में येदियुरप्पा से प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली थी.
अगले साल मई में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
शाह की येदियुरप्पा से भेंट इस मायने में अहम है कि उन्होंने (शाह) इस बयान के साथ चुनावी राजनीति में उनकी पारी के समापन का संकेत दिया था कि यदि पार्टी 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनके निर्वाचन क्षेत्र शिकारीपुरा से उनके बेटे बी वाई विजयेंद्र को उतारती है तो वह यह सीट खाली कर देंगे.
पार्टी में कई नेता महसूस करते हैं कि नेतृत्व यह सुनिश्चित करना चाहता है कि येदियुरप्पा हाशिये पर धकेले जाने का अहसास न करें. पार्टी को डर है कि यदि येदियुरप्पा निष्क्रिय होने का फैसला करते है तो उसका चुनाव पर नकारात्मक असर पड़ेगा. कर्नाटक में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.
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