Emergency Anniversary: साल 1975 और 25 जून यानी आज की तारीख. भारत में आपातकाल के 48 साल पूरे हो गए हैं. 21 महीने तक लागू रहे आंतरिक आपातकाल की बरसी के मौके पर बीजेपी कांगेस पर हमलावर है. वहीं, अन्य राजनीतिक दलों ने भी इसको लेकर सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियां की हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कभी न मिटने वाला कलंक बताया है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “आज ही के दिन 1975 में एक परिवार ने अपने हाथ से सत्ता निकलने के डर से जनता के अधिकारों को छीन व लोकतंत्र की हत्या कर देश पर आपातकाल थोपा था.”
‘कभी न मिटने वाला कलंक’
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “अपने सत्ता-स्वार्थ के लिए लगाया गया आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है. उस कठिन समय में अनेक यातनाएं सहकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया. मैं उन सभी देशभक्तों को दिल से नमन करता हूं.”
इमरजेंसी पर अन्य नेताओं के बयान
इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल को आज 48 साल बाद भी एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है. रातों रात जिस तरह संविधान को ताक पर रखते हुए आपातकाल लगाया गया वह सत्ता के दुरुपयोग, मनमानी और तानाशाही का आज भी सबसे बड़ा उदाहरण है.”
उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी आपातकाल की बरसी पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “भारत के महान लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने हेतु बिना डरे, बिना डिगे, बिना झुके क्रूर तानाशाही का प्रखर प्रतिकार करने वाले समस्त हुतात्माओं को नमन!“
इमरजेंसी की बरसी पर समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक ट्वीट में जहां आपातकाल के फैसले की आलोचना की तो वहीं बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, “25 जून 1975 को तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे दुखद अध्याय था. जो लोग कभी आपातकाल का विरोध कर रहे थे, आज वह ही सत्ता में बैठकर देश को तानाशाही की ओर ले जा रहे हैं व जनता पर अघोषित आपातकाल थोपे हुए हैं. आपातकाल के विरुद्ध उठे हर स्वर को नमन.”
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