'चीन ने की थी 1962 दोहराने की कोशिश, लेकिन भारत ने नहीं खोई एक इंच भी जमीन', लोकसभा में बोले अमित शाह
Galwan Valley Skirmish: भारत-चीन के बीच अप्रैल-मई 2020 के आखिर में झड़प शुरू हुई थी, जिसके बाद 15 जून की रात्रि में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना के जवानों में खूनी झड़प हुई थी.
Amit Shah On India-China Border Dispute: भारत-चीन सीमा विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (10 फरवरी) लोकसभा में कहा कि मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सीमा विवाद चल रहा है. बावजूद इसके भारत ने सैन्य गतिरोध के दौरान किसी भी क्षेत्र को नहीं खोया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गृहमंत्री शाह ने लोकसभा में कहा, ''चीन ने वही करने का प्रयास किया है जोकि उसने 1962 में किया था. उन्होंने केंद्र सरकार के दृढ़ संकल्प की बात को दर्शाते हुए कहा कि भारत ने अपनी एक इंच जमीन को भी नहीं खोया है.
भारत का दावा- नहीं दी चीन को कोई जमीन
गृह मंत्री शाह ने सदन में इस बात को भी मजबूती के साथ रखा कि संकट की शुरुआत के समय से ही भारत कहता आ रहा है कि उसने चीन को कोई जमीन नहीं दी है. हालांकि, विपक्ष के नेता खासतौर पर कांग्रेस के राहुल गांधी चीन को भारतीय क्षेत्र का अधिग्रहण करने देने के आरोप लगाकर केंद्र पर हमला बोलते रहे हैं.
झड़प में 4 चीनी सैनिकों की हुई थी मौत
भारत-चीन के बीच हुई झड़प के शुरुआती दिनों में चीन ने अपने किसी सैनिक के हताहत होने की संख्या का कोई खुलासा नहीं किया था. वहीं, आधिकारिक तौर पर उसने फरवरी 2021 में माना कि उसके 4 सैनिकों की मौत हुई थी, जबकि एक जवान घायल भी हुआ था. दूसरी तरफ यह भी माना जाता है कि इस संघर्ष में चीनी सैनिकों के हताहत होने की वास्तविक संख्या अधिक है.
नई दिल्ली का कहना है कि विवादित सीमा पर शांति कायम करने के लिए संघर्ष वाली सभी जगहों से चीनी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी होना जरूरी है.
जून 2020 में गलवान घाटी में चीन के साथ हुई थी खूनी झड़प
भारत-चीन के बीच अप्रैल-मई 2020 के आखिर में झड़प शुरू हुई थी, जिसके बाद 15 जून की रात्रि में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना के जवानों में खूनी झड़प हुई. इस झड़प में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए थे. करीब 40 वर्षों से अधिक समय में यह पहली बार हुआ था जब एलएसी पर झड़प के चलते किसी की मौत हुई.
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