Amit Shah J&K Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर गए हैं. अमित शाह के दौरे का आज तीसरा और आखिर दिन है. इस दौरान हाउसबोट फेस्टिवल यानी शिकारा महोत्सव के मौके पर डल झील में एक सांस्कृत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गृह मंत्री शाह भी मौजूद रहे. गृह मंत्री के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए.
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर शिकारा महोत्सव के मौके पर डल झील में आयोजित सस्कृति कार्यक्रम की कई तस्वीरें शेयर की. वहीं, गृह मंत्री ने ट्वीट किया, "श्रीनगर की लोकप्रिय डल झील में संगीतमय फव्वारा और लेजर शो देखना मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव था. जम्मू-कश्मीर पर्यटन की ओर से आयोजित 'हाउसबोट फेस्टिवल' का भी उद्घाटन किया. कुछ तस्वीरें साझा कर रहा हूं."
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर दौरे के अपने आखिरी दिन श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ताने दिए गए और कोसा गया. गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने अखबार में देखा कि फारूक अब्दुल्ला ने सलाह दी कि भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. हम अगर किसी बात करेंगे तो घाटी के लोगों और युवाओं के साथ बात करेंगे.
इस दौरान गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास के नए युग की शुरुआत होगी. घाटी का विकास और लद्दाख का विकास इस मकसद से यह कदम उठाया गया है और जो 2024 से पहले कश्मीर को जो कुछ भी चाहिए वह आपकी नजर के सामने होगा. घाटी के लोगों से गृह मंत्री ने कहा कि दिल से खौफ निकाल दीजिए, कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा को कोई खलल नहीं डाल सकता है. इसके लिए आप भारत सरकार पर और हम पर भरोसा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि कश्मीर की जनता को इस देश पर उतना ही अधिकार है, जितना मेरा अधिकार है. कश्मीर मोदी जी के दिल में बसता है. मैं घाटी के युवाओं के साथ दोस्ती करना चाहता हूं. कश्मीर की विकास यात्रा को खलल पहुंचाने वालों की नीयत साफ नहीं है. जम्मू कश्मीर में सबसे पहले 100 फीसदी टीकाकरण किया गया. आप में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि 70 साल तक अधिकार से आखिर क्यों वंचित रखा गया? हम चाहते हैं कि कश्मीर युवा पत्थर न उठाएं. कश्मीर का अपनी सीएम बने जो लंदन न जाए. कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं यह सवाल पूछना चाहता हूं कि 70 साल तक कश्मीर के युवाओं को जिला पंचायत चुनाव लड़ने का अधिकार आपने क्यों नहीं दिया?