रायपुर: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में थे, तीन दिन के दौर के दूसरे दिन मौका था सूबे के 'प्रख्यात लोगों' से मिलने का, बातचीत का. कांग्रेस मुक्त भारत की वकालत के दौरान जिक्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हुआ तो अमित शाह ने उन्हें चतुर बनिया बता दिया.


दरअसल, अमित शाह कांग्रेस के बारे में ये बता रहे थे कि ये पार्टी आजादी पाने के लिए बनाई गई और इसका कोई सिद्धान्त नहीं है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "कांग्रेस किसी एक विचारधार के आधार पर, किसी एक सिद्धांत के आधार बनी हुई पार्टी नहीं है. वो आजादी प्राप्त करने का एक स्पेशल पर्पस व्हीकल है. आजादी प्राप्त करने का एक साधन था. और इसीलिए महात्मा गांधी ने दूरअंदेशी के साथ, बहुत चतुर बनिया था वो, उसको मालूम था आगे क्या होने वाला है, उसने आजादी के बाद तुरंत कहा था, कांग्रेस को बिखेर देना चाहिए."


कांग्रेसमुक्त भारत की दिशा में अपनी बात जारी रखते हुए अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने तो नहीं किया लेकिन अब कुछ लोग कांग्रेस को समाप्त करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "इसलिए ही कहा था महात्मा गांधी ने, क्योंकि कांग्रेस की कोई आइडियोलॉजी नहीं थी. सिद्धांतों के आधार पर बनी हुई पार्टी नहीं थी. देश चलाने के, सरकार चलाने के कई सिद्धांत ही नहीं थे."


कांग्रेस का पलटवार


कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, ''अमित शाह ने महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहकर आज़ादी की लड़ाई का अपमान किया. सत्ता के व्यापारी अमित शाह आज़ादी की लड़ाई को व्यापारिक मॉडल बता रहे हैं. अंग्रेजों ने संघ को स्पेशल पर्पस व्हीकल की तरह इस्तेमाल किया. गांधी को भी जाति से जोड़कर दिखाता है कि इस पार्टी की विचारधारा क्या है. मोदी अमित शाह माफी मांगे.''


अमित शाह की सफाई


गांधी को चतुर बनिया कहने के बाद अमित शाह ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा, "मैंने किस उद्देश्य से गांधी जी को बनिया कहा है यह सभी को पता है जो लोग मेरी सभा में मौजूद थे. रणदीप सुरजेवाला को गांधी जी के सिद्धांतों का बहुत जवाब देना है अभी."


रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में अपनी बात रखते हुए अमित शाह ने जहां कांग्रेस को सिद्धांतहीन बताया वहीं कहा कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जिसके पास अपना खुला नजरिया है. ये पार्टी ये कहने में नहीं हिचकिचाती कि, "जो देशद्रोही नारे लगाएगा, वो देशद्रोही कहलाएगा."


आपक बता दें कि छत्तीसगढ़ में अगले साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव हैं.