नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दो दिन पश्चिम बंगाल दौरे के लिए आज कोलकाता पहुंचे. बीजेपी अध्यक्ष का ये दौरा दूसरे राज्यों से अलग है, खास बात ये है कि अमित शाह की नज़रें बंगाल पर अगले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर गड़ी हुई हैं. इस दौरे में अमित शाह पुरुलिया जिले में भी जाएंगे जहां दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी. अमित शाह पुरुलिया ज़िले में रैली भी करेगे और उन कार्यकर्ताओ के परिवार जनों से भी मिलेंगे जिनकी हत्या कर दी गई थी.
अमित शाह के इस दौरे में लोकसभा चुनावों का बड़ा टारगेट भी छिपा है, अमित शाह इस क्रांतिकारियों कि धरती से 20 से 22 सीटें जीतने की आस लगाए बैठे है. इसके लिए वे लगातार बंगाल में पार्टी गतिविधियों की रिपोर्ट लेते रहते है. अमित शाह ने खुद एबीपी न्यूज़ को बताया कि हर महीने वे पार्टी की कोर टीम के साथ बंगाल का रिव्यू करते हैं. अमित शाह का मानना है कि बंगाल में बड़े बदलाव की ज़मीन तैयार है.
पंचायत चुनावो में जिस तरह से बीजेपी को सफलता मिली है वो अपने आप में इस और इशारा करने के लिए काफी है. शाह का मानना है कि अगर पंचायत चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते तो बीजेपी आधे से ज़्यादा पंचायतों में जीत कर आती.
लोकसभा से पहले टीएमसी में लगेगी सेंध
सूत्रों के मुताबिक ममता सरकार में उनके 'तानाशाही रवैये' के खिलाफ बेहद नाराज़गी है. करीब 22 से 30 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. रणनीति के तहत इन विधायकों को बीजेपी में शामिल नहीं कर रही है लेकिन लोकसभा चुनावो से पहले टीएमसी के ये विधायक ममता बनर्जी को झटका दे सकते हैं.
बंगाल में 90 दिनों लंबी रथयात्रा निकालेंगे अमित शाह
अमित शाह लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में बड़ी रथयात्रा निकालने वाले हैं. वे 90 दिनों की इस यात्रा में पश्चिम बंगाल के हर जिले में जाएंगे और ममता के खिलाफ लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान करेंगे. हालांकि अभी इस यात्रा की तारीख और महीना तय नहीं हुए हैं.
हिंदी पट्टी के नुकसान की भरपाई करेगा बंगाल
अमित शाह को इस बात का भी अंदाजा है कि अगले लोकसभा में हिंदी पट्टी से बीजेपी की लोकसभा सीटें कम हो सकती हैं, खास तौर पर उत्तर प्रदेश में जहां मायावती और अखिलेश यादव का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है. बीजेपी को लगता है कि यहां पार्टी अपनी पुरानी सफलता (73 लोकसभा सीटे) नहीं दोहरा सकती है. ऐसे में उन्हें उन राज्यों में ज़्यादा ज़ोर लगाना होगा जहा न बीजेपी की सरकारे है और न ही बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली है.
पूरब और दक्षिण के राज्यों पर नज़र
बंगाल के अलावा अमित शाह की नज़रें, ओडिसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु पर टिकी हुई हैं. उत्तर भारत में पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था, इस बार अमित शाह की नज़रें पूर्व और दक्षिण भारत भी टिकी हुई हैं तभी मोदी सरकार 2019 में पूर्ण बहुमत की सरकार बन सकती है.
बीजेपी का मनना- ममता की तुष्टिकरण नीति बढ़ाएगी आधार
अमित शाह का मानना है कि असम के बाद अब बदलाव की बड़ी बयार बंगाल में बह रही है. बंगाल भी असम की तरह तुष्टिकरण की नीति कर खिलाफ सुलग रहा है. मुहर्रम पर लिये दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाने के ममता के फैसले ने इसमे घी डालने काम किया है. अमित शाह का मानना है बंगाल पूरब का बड़ा सांस्कृतिक, राजनीतिक केंद्र है, यहां के बदलाव की बयार बंगाल से शुरू होकर पूरे पूर्वोत्तर तक जाएगी और लोकसभा 2019 में यहां से बड़ा हिस्सा लोकसभा सीटों का बीजेपी के हिस्से में आएगा.