Nagaland Incident: नागालैंड फायरिंग पर गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि संदिग्धों की आशंका में फायरिंग हुई थी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार नागालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है. गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा, ''नागालैंड की घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है.''


अमित शाह ने कहा, ''सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो.'' उन्होंने कहा कि वाहन में सवार 8 में से 6 लोगों की मौत हो गई. बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है. 2 अन्य घायलों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की यूनिट को घेर लिया. 


उन्होंने कहा कि सेना ने इस घटना के कारणों की उच्चतम स्तर पर जांच शुरू कर दी है, कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. घटना की खबर मिलते ही मैंने तुरंत राज्य के राज्यपाल और सीएम से संपर्क किया. गृहमंत्रालय ने मुख्य सचिव और DGP से भी संपर्क किया.


अमित शाह ने कहा कि कल से ही स्थिति पर नजर रखी जा रही है. गृह मंत्रालय ने तत्काल पूर्वोत्तर के प्रभारी अतिरिक्त सचिव को कोहिमा भेजा जहां उन्होंने आज मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई है.


अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस, डीएमके, एसपी, बीएसपी और एनसीपी के सांसद लोकसभा से वॉकआउट कर गए.


बता दें कि नागालैंड के मोन जिले में 24 घंटे के भीतर एक विफल उग्रवाद विरोधी अभियान और जवाबी हिंसा में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम 14 आम नागरिकों और एक सैनिक की मौत हो गई.


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