Amit Shah Latest News: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) के 13वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की पुलिस जांच पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए और अब जांच थर्ड डिग्री पर नहीं बल्कि डाटा और इंफॉर्मेशन की डिग्री पर निर्भर होनी चाहिए. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्कृष्ट सेवाओं के लिए नेशनल यूनिवर्सिटी के सन्यासी के अधिकारियों को पुरस्कार भी प्रदान किए कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा.. निशीथ प्रमाणिक आईबी प्रमुख अरविंद कुमार के निदेशक सामंत गोयल समेत अनेक खुफिया और सुरक्षा बलों के पुलिस महानिदेशक मौजूद थे.


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है अब जांच के लिए डाटा बेस बनाने पड़ेंगे और डिजिटल फॉरेंसिक में भी दक्षता हासिल करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि एनआईए को मादक पदार्थ हवाला ट्रांजैक्शन हथियारों की तस्करी जान मुद्राएं बम धमाके टेरर फंडिंग और आतंकवाद इन सात क्षेत्रों में एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का काम दिया गया है और इसकी बहुत अच्छी तरीके से शुरुआत हुई है. इस डेटाबेस से ना केवल राष्ट्रीय एजेंसियों बल्कि देश की तमाम पुलिस एजेंसियों को महत्वपूर्ण मदद मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि यदि कोई डेटाबेस किसी एक संस्था के कागजों में ही सीमित रहता है तो उस डेटाबेस का कोई मतलब नहीं रह जाता जब तक कि वह सारी एजेंसियों के पास ना पहुंच जाए.


केंद्रीय गृह मंत्री ने कही ये बड़ी बात


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप है और दुनिया में इस अभिशाप का सबसे बड़ा किसी ने दर्द झेला है तो वह हमारे देश ने झेला है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से बड़ा मानव अधिकारों का उल्लंघन कुछ और हो ही नहीं सकता. इसलिए आतंकवाद का समूल नाश मानव अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है. उन्होंने एनआईए अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि एनआईए को दृढ़ निश्चय के साथ आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. 


नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के कार्यों की तारीफ करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस एजेंसी ने विगत 7 सालों में अनेक कठिन क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम किया है विशेषकर मैं जम्मू कश्मीर में किए गए कामों का विशेष तौर पर उल्लेख करना चाहता हूं. जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से संबंधित एनआईए ने टेरर फंडिंग के जो मामले दर्ज किए उन्होंने जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की दिशा में बहुत बड़ी सहायता की है. इन मुकदमों से आतंकवादियों को टेरर फंडिंग मुहैया कराने वालों पर और पैसा आने वाले रास्तों पर नकेल कसी गई है इसके साथ ही ओवल ग्राउंड वर्करों के खिलाफ जो कार्रवाई की गई उससे आतंकवादियों के स्लीपर सेल को ध्वस्त करने में बहुत बड़ी मदद मिली है.


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का अब तक के मामलों में सजा दिलाने की दर भी अपने आप में खासी महत्वपूर्ण है. यह सजा दर इस समय 93.25% है जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि एनआईए के पास जो जांच के लिए केस आते हैं उन में आसानी से सबूत उपलब्ध नहीं हो पाते. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के डीआईजी संयुक्ता पाराशर समेत अनेक एनआईए अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए पदक भी दिए.


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