Amit Shah On Constitution Row: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के उस बयान पर सवाल खड़ा किया जिसमें उन्होंने यह कहा था कि बीजेपी तीसरी बार निर्वाचित होने पर पिछड़े वर्गों का आरक्षण वापस लेना चाहती है. अमित शाह ने रविवार (28 अप्रैल) को कहा कि राहुल गांधी केवल लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. शाह ने कहा कि अगर बीजेपी पिछड़े वर्गों को आरक्षण वापस लेने की दिशा में काम कर रही होती तो अब तक वह ऐसा कर चुकी होती.
एएनआई से बात करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री ने दोहराया कि जब तक बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए सत्ता में है, तब तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण या कोटा पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा.
अमित शाह बोले - आरक्षण पर झूठ बोल रहे हैं राहुल गांधी
अमित शाह ने कहा, "राहुल गांधी हमारे खिलाफ अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी इस देश की सत्ता पर 10 साल से काबिज है और दो बार पूर्ण बहुमत के साथ चुनी गई है. अगर हम वास्तव में देश में आरक्षण समाप्त करने की मंशा या प्रेरणा से काम कर रहे होते तो अब तक ऐसा हो चुका होता. ये झूठ के अलावा कुछ नहीं हैं."
बीजेपी नेता शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने पहले ही देश भर में दलितों, पिछड़े वर्गों और हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों को आश्वासन दिया है कि जब तक बीजेपी सत्ता में है, कोई भी आरक्षण वापस लेने की हिम्मत नहीं कर सकता.
'कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों से छीन कर मुसलमानों के आरक्षण में बढ़ोतरी की'
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की. क्या लोगों को नहीं पता कि उन्होंने किसके कोटे से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण अलग कर दिया? तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद इसी तरह की चाल में उन्होंने मुसलमानों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की. कांग्रेस हमेशा पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के खिलाफ खड़ी रही है और आदिवासी समुदायों को न्याय दिलाने के लिए कभी भी कोई वास्तविक इरादा नहीं दिखाया है. यहां तक कि आज जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी, एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों को आरक्षण के लाभ से वंचित किया जा रहा है.''
अमित शाह ने कहा - PM मोदी ने आदिवासियों को न्याय दिलाया
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ''यह पीएम मोदी ही थे जिन्होंने द्रौपदी मुर्मु को देश के सर्वोच्च पद पर बिठाकर हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों को न्याय दिलाने का काम किया.'' बता दें कि इससे पहले 26 अप्रैल को राहुल गांधी ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी देश के संविधान को बदलना चाहते हैं और पिछड़े समुदायों, आदिवासियों और दलितों के आरक्षण और अन्य अधिकारों को छीनना चाहते हैं.