नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव की सुरक्षा में सेंध की घटना के मामले में तीन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित किया गया है.
गृहमंत्री ने राज्यसभा में विशेष सुरक्षा बल (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि 25 नवंबर की घटना है. गेट पर जानकारी थी कि एक काली टाटा सफारी में राहुल गांधी आने वाले हैं. काली सफारी में ही कांग्रेस मेरठ की महिला अध्यक्ष शारदा त्यागी चार लोगों के साथ प्रियंका वाड्रा से मिलने आई थीं. जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है और इस मामले की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि इन लोगों का काले रंग के सफारी वाहन में वहां पहुंचना महज एक संयोग था.
विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद सहित कुछ सदस्यों ने प्रियंका की सुरक्षा घेरे में सेंध लगाये जाने पर गहरी चिंता जताते हुए इस बारे में सरकार से कई सवाल पूछे थे.
इन सवालों की ओर इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की सुरक्षा का मामला काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा से जुड़े इस अति महत्वपूर्ण मामले को संसद में उठाने या मीडिया में जाने के बजाय उन्हें, सीआरपीएफ या कांग्रेस नेता की सुरक्षा पर निगरानी रख रहे आईजी स्तर के अधिकारी को पत्र लिखकर उन्हें इस बात की सूचना देते.
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प्रियंका गांधी की सुरक्षा में चूक का मामला सोमवार को सुर्खियों में आया था. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, एक सप्ताह पहले प्रियंका गांधी वाड्रा के आवास पर सुरक्षा में चूक हुई थी. पहले से बिना किसी अनुमति के अज्ञात लोग उनके आवास में घुस आए और सेल्फी की इजाजत मांगी. इस संबंध में सीआरपीएफ से शिकायत की गई है.
बता दें कि गांधी परिवार को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा पिछले महीने वापस ले ली गई थी और उन्हें केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी. कांग्रेस सरकार के इस फैसले की आलोचना करती रही है.
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