Amit Shah Halts Speech For Azaan: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. बुधवार (5 अक्टूबर) को अमित शाह ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला (Baramulla) में एक जनसभा को संबोधित किया. रैली के दौरान पास की मस्जिद में अजान होने पर अमित शाह ने अपना भाषण कुछ देर के लिए रोक दिया. अजान खत्म होने के बाद अमित शाह ने अपना भाषण फिर से शुरू किया.
दरअसल, उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के शौकत अली स्टेडियम में भाषण शुरू करने के पांच मिनट बाद अमित शाह ने मंच पर खड़े लोगों से पूछा, “क्या मस्जिद में कुछ हो रहा है?” जब मंच पर किसी ने उन्हें बताया कि 'अजान' हो रही है, तो शाह ने अपना भाषण रोक दिया.
लोगों ने बजाईं तालियां
इसपर लोगों ने तालियां बजाईं और उनके समर्थन में नारे लगाए. कुछ देर बाद, उन्होंने पूछा कि क्या अजान पूरी हो गई है और वह अपना भाषण शुरू करें? उन्होंने पूछा, “मैं शुरू करूं या नहीं? जोर से बोलिए, शुरू करूं?” यह पूछने के बाद उन्होंने अपना भाषण शुरू कर दिया.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहले यह आतंकी हॉटस्पॉट था, अब यह टूरिज्म हॉटस्पॉट है. जम्मू-कश्मीर में बढ़ते पर्यटन ने यहां कई युवाओं को रोजगार दिया है. घाटी में चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव होंगे.
विपक्षी नेताओं पर साधा निशाना
विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि पिछले 70 सालों से मुफ्ती एंड कंपनी, अब्दुल्ला के बेटे यहां सत्ता में थे, लेकिन 1 लाख बेघर लोगों के लिए आवास उपलब्ध नहीं कराया. पीएम मोदी ने 2014-2022 के बीच इन 1 लाख लोगों को घर दिया. पीएम मोदी का शासन मॉडल विकास और रोजगार लाता है जबकि गुपकर मॉडल युवाओं के हाथों में पत्थर और बंदूकें पेश करता है. पीएम मोदी के मॉडल और गुपकर मॉडल में बहुत अंतर है.
"पाकिस्तान से कोई बात नहीं की जाएगी"
अमित शाह ने अपने संबोधन में पाकिस्तान (Pakistan) का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान से किसी प्रकार की कोई बात नहीं की जाएगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे. आज उनके दौरे का तीसरा और अंतिम दिन है. अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार सुबह श्रीनगर स्थित राजभवन में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक भी की. सोमवार को अमित शाह ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए थे. इसके बाद राजौरी में रैली में उन्होंने गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को आरक्षण देने के संकेत दिए थे.
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