Amit Shah Bihar Visit: काली मंदिर में पूजा, BJP नेताओं के साथ बैठक और रैली, कितना खास है अमित शाह का सीमांचल दौरा?
Lok Sabha Election: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 'मिशन बिहार' यानी 40 लोकसभा सीट में से 35 जीतने के टारगेट को पूरा करने के लिए शुक्रवार को सीमांचल जा रहे हैं.
Amit Shah In Bihar: सीएम नीतीश कुमार के अलग होने के बाद बीजेपी ने उनको घेरने की तैयारी शुरू कर दी है, इसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के (23 और 24 सितंबर) बिहार दौरे पर जा रहे हैं. इसी बीच बुधवार को पूर्णिया में पीएफआई (PFI) के ऑफिस पर हुई छापेमारी को आतंकवाद और अलगावाद के खिलाफ कड़ा संदेश माना जा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे के दौरान पूर्णिया के रंगभूमि मैदान से शुक्रवार को बड़ी रैली करेंगे.
साथ ही किशनगंज में पार्टी के सांसदों, विधायकों, पूर्व मंत्रियो और प्रमुख नेताओं के साथ 'मिशन बिहार' पर रणनीति तैयार करेंगे. इसके अलावा बिहार बीजेपी कोर कमेटी के साथ बैठक करेंगे. दूसरे दिन यानी शनिवार को किशनगंज के बूढ़ी काली मंदिर में दर्शन करने के बाद एसएसबी, बीएसएफ के अधिकारियों से मिलेंगे.
पीएफआई पर कार्रवाई के मायने
गृहमंत्री अमित शाह के बिहार जाने से एक दिन पहले पीएफआई पर की गई बड़ी कार्रवाई को अहम माना जा रहा, क्योंकि पूर्णिया पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ इलाका है, जहां कि बड़ी संख्या में घुसपैठ होती है. माना जा रहा है कि इस एरिया में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या बड़ी संख्या में बंगाल के रास्ते बिहार में दाखिल होते हैं. सूत्रों ने बताया कि पीएफआई अवैध घुसपैठ करने वालों को आईडी कार्ड से लेकर तमाम कागजात उपलब्ध करवाता है, जिससे कि उन्हें भारत में रहने में कोई परेशानी ना हो.
गुरुवार को एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि किशनगंज के पूरे इलाके में डेमोग्राफी बदल गई है और नीतीश सरकार तुष्टिकरण की गहरी नींद में सोई है. रैली में स्थानीय मुद्दों पर बात होगी. उन्होंने कहा, ''बिहार में आरजेडी ही सिमी है और सिमी का नया रूप पीएफआई है. पीएफआई को राज्य सरकार का पूरा समर्थन है.''
लोकसभा चुनाव पर नजर
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीट में से 39 पर एनडीए ने जीत हासिल की थी. तब एनडीए में बीजेपी के साथ जेडीयू और लोजपा थी. इन 39 सीट में से जेडीयू ने 16 सीटें जीती थी. सीएम नीतीश कुमार के अलग होने से एनडीए को 16 सीटों का नुकसान हो चुका है. अब चिराग पासवान और लोजपा(पारस गुट) को जोड़ लेने पर एनडीए के पास कुल 23 सीट है. ऐसे में बीजेपी का टारगेट है कि 2024 में सीएम नीतीश कुमार के बिना बीजेपी 35 सीट जीते.
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