डॉ. भीमराव अंबेडकर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है. मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को राज्यसभा में उन्होंने संबोधन दिया और बाबा साहब और मंत्रिमंडल से उनके इस्तीफे पर भी बात की. उनके इसी संबोधन को लेकर विपक्ष भड़का हुआ है और जो बातें अमित शाह ने स्पीच में कहीं उसे अंबेडकर का अपमान बता रहा है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कहना है कि विपक्ष अमित शाह के पूरे भाषण को छिपा रहा है और एक छोटे हिस्से को काटकर गलत तरीके से फैला रहा है.


पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमित शाह के भाषण का क्लिप्ड और फुल वीडियो शेयर किया है. क्लिप्ड वीडियो में अमित शाह कह रहे हैं, 'अभी एक फैशन हो गया है. अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता है.' इसी वाक्य के बाद कट लगा है और उनके भाषण का यही हिस्सा वायरल हो रहा है.


फुल वीडियो में इसके आगे का हिस्सा है, जिसमें अमित शाह कह रहे हैं, 'हमें तो आनंद है कि अंबेडकर का नाम लेते हैं. अंबेडकर का नाम अभी 100 बार ज्यादा लो परंतु साथ अपने अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं. अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं. सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूं और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं इसलिए मैं मंत्रिमंडल छोड़ना चाहता हूं. उन्हें आश्वासन दिया गया. आश्वासन पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने इग्नोरेंस के चलते इस्तीफा दे दिया.'


अमित शाह ने आगे कहा, 'बी. सी. रॉय ने पत्र लिखा कि अंबेडकर और राजा जी जैसे दो महानुभव मंत्रिमंडल छोड़ेंग तो क्या होगा, इसके जवाब में नेहरू जी ने लिखा है- राजा जी के जाने से तो थोड़ा बहुत नुकसान होगा, अंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होता है. मल्लिकार्जुन खरगे जी कह रहे हैं न कि क्या आपत्ति है. जिसका विरोध करते हो उसका वोट के लिए नाम लेना कितना उचित है. क्योंकि अब अंबेडकर जी को मानने वाले पर्याप्त संख्या में आ गए हैं इसलिए आप अंबेडकर, अंबेडकर कर रहे हों. 


उन्होंने कहा, 'मान्यवर मुंबई के मेयर ने एक पत्र लिखा था कि मऊ में अंबेडकर जी का स्मारक बनाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया. मऊ अंबेडकर जी का जन्म स्थान था. उन्होंने लिखा कि आमतौर पर स्मारक निजी पहल से बनाने चाहिए. अगर सरकार किसी प्रकार की सहायता करती है तो वो उचित नहीं होगा. अंबेडकर जी का कोई स्मारक नहीं बना, देश में नहीं बना.'


अमित शाह ने आगे बताया कि बीजेपी की सरकार में कितने स्मारक बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, 'अंबेडकर जी के स्मारक तब बने जब भारतीय जनता पार्टी केंद्र में आई. मऊ में अंबेडकर जी के जन्म स्थान में स्मारक बना. लंदन में जहां अध्ययन करते थे वहां स्मारक बना, नागपुर में शिक्षा-दीक्षा ली वहां स्मारक बना, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल पर बना और मुंबई में चैत्य भूमि में भी बन रहा है. हमने पंचतीर्थ बनाए हैं. मान्यवर मैं मानता हूं कि अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलना नहीं और वोट के लिए उनकी गुहार लगा देना. 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित किया हमने. 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया, उस वक्त भी इसका विरोध कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किया.' इस पर विवाद बढ़ने के बाद अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उनके भाषण का पूरा वीडियो दिखाया जाना चाहिए.


 


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