Jammu And Kashmir: गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए गुरुवार (19 दिसंबर) को एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, रॉ प्रमुख, सेनाध्यक्ष, जीओसी-इन-सी (उत्तरी कमान), डीजीएमओ, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के महानिदेशक और गृह मंत्रालय के सीनियर अधिकारी उपस्थित रहे.
गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत, जम्मू और कश्मीर को जल्द से जल्द ‘आतंकमुक्त’ बनाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. गृह मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि मोदी सरकार सभी सुरक्षाबलों के एकजुट प्रयासों से जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद पर संपूर्ण वर्चस्व स्थापित करने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है.
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र पर विश्वास
शाह ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जनता की अभूतपूर्व भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि ये इस बात का संकेत है कि लोगों का देश के लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है. उन्होंने आतंकी घटनाओं, घुसपैठ और आतंकवादी संगठनों में युवाओं की भर्ती में गिरावट के लिए सुरक्षा एजेंसियों की कोशिशों की सराहना की.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का इको-सिस्टम खत्म
गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के निरंतर और समन्वित प्रयासों के कारण जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का इको-सिस्टम लगभग खत्म हो चुका है. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त करने के लिए समन्वित तरीके से काम जारी रखने का निर्देश दिया. इसके साथ ही शाह ने एरिया डॉमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान को मिशन मोड में लागू करने पर जोर दिया.
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