Amit Shah On Terrorism: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार (11 फरवरी) को हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 74 आरआर आईपीएस बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकवाद और उग्रवाद को पूरी तरह से खत्म करने की ठान ली है. 


उन्होंने परेड को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद अखिल भारतीय सेवाओं की लॉन्चिंग के समय देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल ने कहा था कि देश को एक संघीय संविधान के तहत अक्षुण्य बनाए रखने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय सेवाओं की है. उन्होंने आगे कहा, 'ये वाक्य आपके जीवन का गुरु वाक्य बनना चाहिए.'


गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने 7 दशकों में आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना किया है और इन परिस्थितियों में लगभग 36 हजार पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमने जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम किया है. इसी के साथ सरकार ने आतंकी फंडिंग (Terror Finding) पर कार्रवाई करने का काम किया है.


'वामपंथी उग्रवाद पर पाया काबू'


अमित शाह ने अपने संबोधन में वामपंथी उग्रवाद का भी जिक्र किया. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने वामपंथी उग्रवाद पर भी काबू पा लिया है. शाह ने पीएफआई (PFI) का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पीएफआई पर बैन लगाकर ऐसे संगठनों को मैजेस देने का काम किया है.


'वामपंथी विचारों की कोई जगह नहीं'


गौरतलब है कि बीते दिनों अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व वाले 'आत्मनिर्भर नए भारत' में हिंसा और वामपंथी चरमपंथ के विचारों के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी चरमपंथ और किसी भी तरह की हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बनाई है.


'वामपंथी उग्रवाद के कारण होने वाली मौतों में आई कमी'


उन्होंने गृह मंत्रालय के संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, 'करीब चार दशकों में पहली बार 2022 में (नक्सली घटनाओं में) 100 से कम असैन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों के कर्मियों की मौत हुई थी और 2010 के मुकाबले 2022 तक वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है.'


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