जोधपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज साफ तौर कहा कि बीजेपी नागरिकता कानून के अपने फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है. जोधपुर के कमला नेहरू नगर में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही. सीएए के समर्थन के लिए उन्होंने एक टोल फ्री नंबर का भी शुभारंभ किया. इस पर मिसकॉल करके कोई भी व्यक्ति नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अपना समर्थन जता सकता है.


अमित शाह ने कहा कि चाहे सारे विपक्षी दल नागरिकता कानून के खिलाफ एकजुट हो जाएं लेकिन बीजेपी इस फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो देश के युवाओं को गुमराह कर रही है कि मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी. कांग्रेस को देश हित के सभी मुद्दों को अपने वोट बैंक से जोड़ने की आदत हो चुकी है. कांग्रेस ने इस कानून को लेकर दुष्प्रचार किया. शाह ने कहा कि जब कांग्रेस ने इस कानून को लेकर दुष्प्रचार अभियान शुरू किया तो उन्होंने भी जन जागरण अभियान चलाने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि इस अभियान के समर्थन में तीन करोड़ लोगों से घर जाकर मुलाकात की जाएगी. पांच सौ सभाएं की जाएंगी. ये कल से शुरू हो जाएगा.





विरोध करने वालों से पूछा कि क्या वे महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना आज़ाद और राजेंद्र बाबू को मानेंगे या नहीं? अमित शाह ने कहा कि हमने अपने अल्पसंख्यक वर्ग को पूरी इज्जत से अपनाया और वो यहां फल फूल भी रहे हैं. कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेताओं का वचन पूरा नहीं किया लेकिन नरेंद्र मोदी प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देंगे. उन्होंने कहा कि विरोध कर रही पार्टियां दलित लोगों का विरोध कर रही हैं.


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गृहमंत्री ने आगे कहा कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए लेकिन ऐसा कांग्रेस पार्टी ने किया. पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक थे वो कम हो गए, वे कहां गए. बहन बेटियों की इज्जत लूटी गई. जबरन निकाह करवाए गए. ये सत्तर साल तक चला लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. जो शरणार्थी यहां आए उनका भारत पर उतना ही अधिकार हैं, जितना कि मेरा. यहां बड़ी संख्या में शरणार्थी आए हैं, हम उनका दिल से स्वागत करते हैं. इस देश में मोदी जी ने सभी को सम्मान देने का काम किया.


वहीं राहुल गांधी को चुनौती देते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को पढ़ा है तो कहीं भी आकर इसपर बहस कर लें. उन्होंने विपक्षी पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा कि वह साबित करें कि कैसे इस कानून से किसी व्यक्ति की नागरिकता जाएगी. अमित शाह ने कहा कि वह शरणार्थियों के मानवाधिकार की रक्षा करेंगे.