Amit Shah Left Wing Extremism Review Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार (06 अक्टूबर) को वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) से प्रभावित राज्यों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. अमित शाह ने कहा कि, 'दो साल में वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा.' 


इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर भी बल देते हुए कहा कि ​पिछले 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें 2022 में रिकॉर्ड की गई हैं. उन्होंने कहा कि दो सालों के भीतर देश से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा. नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है और हम इसे इसके सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 


वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में आई कमी
अधिकारियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों में हिंसक घटनाओं में 2010 की तुलना में 2022 में 77 फीसदी की कमी आई है. अधिकारियों ने कहा कि पिछले 5 सालों में देश में वामपंथी सुरक्षा स्थिति में खास सुधार हुआ है.  


 






केंद्र ने 2015 में एलडब्ल्यूई से निपटने को राष्ट्रीय नीति को मंजूरी दी 
केंद्र सरकार ने 2015 में एलडब्ल्यूई से निपटने के लिए 'राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना' को भी मंजूरी दी थी. अधिकारियों ने कहा कि नीति में सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकदारियों को सुनिश्चित करने आदि को शामिल करते हुए एक बहु-आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है. 
 
वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में 90 फीसदी की कमी
उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या भी 2010 की तुलना में 2022 में 90 फीसदी कम हो गई है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2004 से 2014 के बीच वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं थीं और 6,984 मौतें हुईं. इसके उल्ट देखा जाए तो आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 से 2023 (15 जून 23 तक) तक 7,649 वामपंथी उग्रवाद से संबंधित घटनाएं और 2,020 मौतें हुई हैं. 


समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अपने-अपने विधायकों के साथ मौजूद रहे.   


एनएसए डोभाल समेत ये नेता रहे मौजूद
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, अर्जुन मुंडा के अलावा गृह सचिव अजय भाला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और एनआईए, एसएसबी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और एनएसजी के महानिदेशकों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित राज्यों के गृह सचिव और मुख्य सचिव भी मौजूद रहे. 


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