नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नौकरशाही में व्यापक सुधार के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSB) ‘मिशन कर्मयोगी’ को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी को एतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि यह अलग-अलग काम करने की संस्कृति को समाप्त कर एक नई कार्य संस्कृति की शुरूआत करेगा.


अमित शाह ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार भविष्यमुखी सिविल सेवा निर्माण के प्रति कटिबद्ध है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “इस दूरदर्शी सुधार के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का धन्यवाद करता हूँ. यह समग्र और विस्तृत योजना व्यक्तिगत के साथ-साथ संस्थागत क्षमता के निर्माण पर केन्द्रित होगी.’’


गृहमंत्री ने कहा, “यह 21वीं सदी के लिए एक ऐतिहासिक सुधार है जो अलग-अलग काम करने की संस्कृति को समाप्त कर एक नई कार्य संस्कृति की शुरूआत करेगा.’’ उन्होंने कहा कि व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्य आधारित और निरंतर प्रशिक्षण व्यवस्था से सिविल सेवक सशक्त व संवेदनशील बनेंगे.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुधार सरकारी कर्मचारियों को अपना प्रदर्शन बेहतर करने का तंत्र प्रदान करने के साथ ही उन्हें ‘‘न्यू इंडिया’’ की अपेक्षाओं को साकार करने योग्य भी बनाएगा.


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज नौकरशाही में व्यापक सुधार के लिए ‘मिशन कर्मयोगी’ को मंजूरी दे दी. इसका उद्देश्य ऐसे लोक सेवक तैयार करना है, जो अधिक रचनात्मक, चिंतनशील, नवाचारी, व्यावसायिक और प्रौद्योगिकी-सक्षम हों.


मानसून सत्र: प्रश्नकाल रद्द किए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- सरकार किसी चर्चा से भाग नहीं रही