नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ किया कि एनपीआर में कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों के पास जो जानकारी नहीं है, उसे देने की कोई जरूरत नहीं है. गृहमंत्री ने कहा कि किसी को भी एनपीआर की प्रकिया से डरने की जरूरत नहीं है. राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर हो रही चर्चा का जबाव देते हुए गृहमंत्री ये बातें कहीं.


सीएए नागरिकता देने का कानून- अमित शाह


इसके साथ ही अमित शाह ने कहा, ''बहुत दु:ख के साथ मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में नागिरकता कानून को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक भय बैठाया गया कि आपकी नागरिकता सीएए से छीन ली जाएगी. ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं. सीएए, नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है.''


दिल्ली हिंसा को लेकर गृहमंत्री का बयान


दिल्ली हिंसा को लेकर अमित शाह ने कहा, ''दंगों के उपरांत अब तक 700 एफआईआर दर्ज की गई है और जिसने भी एफआईआर दर्ज करवाई है, उसे रजिस्टर करने से पुलिस ने कहीं भी ना नहीं की है. 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी. 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी. दिल्ली दंगों के सिलसिले में अब तक 2600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया.''


कुछ सोशल मीडिया अकाउंट दंगे से दो दिन पहले शुरू हुए- गृहमंत्री


गृहमंत्री ने राज्यसभा में बताया, ''दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है. ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभग सवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं. जिनकी पहचान हो चुकी है, उनकी सारी डिटेल हमारे पास उपलब्ध हो चुकी हैं. ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए 40 से अधिक स्पेशल टीम का गठन किया है जो रात-दिन गिरफ्तार करने का काम कर रही हैं. कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे, जो दंगों से दो दिन पहले शुरू हुए थे और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पहले ही बंद हो गए और उन पर केवल दंगा, नफरत और घृणा फ़ैलाने का काम किया गया है.''


कांग्रेस के शासन में 76 फीसदी लोग दंगों में मारे गए- अमित शाह


कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासन में 76 फीसदी लोग दंगों में मारे गए हैं. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस के समय में दंगे हुए, इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे. लेकिन इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है, जब हकीकत उल्टी है कि कांग्रेस के शासन में 76 फीसदी लोग दंगों में मारे गए हैं.''