CAB पर बोले अमित शाह- अगर जरूरत हुई तो रचनात्मक तरीके से ढूंढेंगे समाधान
आने वाले वक्त में CAB में कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड में रैली के दौरान इस बात का इशारा दिया.
रांची: आने वाले वक्त में CAB में कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड में रैली के दौरान इस बात का इशारा दिया. गौरतलब है कि देश के कई इलाकों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं और खासतौर पर पूर्वोत्तर के राज्यों में खासा विरोध देखने को मिल रहा है.
उन्होंने कहा- विपक्ष CAB को लेकर North East में आग भड़काने का काम कर रहा है. मैं असम और North East के सभी राज्यों से कहता हूँ कि आपकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और अधिकार अक्षुण्ण रहेंगे. मेघालय की कोई समस्या होगी तो उसका सकारात्मक रूप से समाधान निकालेंगे. किसी को डरने की जरूरत नहीं है.
अमित शाह ने कहा- हम बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना झेलने वाले शरणार्थियों के लिए CAB लाए तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो गया. वो इसे मुस्लिम विरोधी कहते हैं. ट्रिपल तलाक और 370 हटाया तो उसे मुस्लिम विरोधी कहा, हमने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की तो बोले मुस्लिम विरोधी है.
विपक्ष CAB को लेकर North East में आग भड़काने का काम कर रहा है। मैं असम और North East के सभी राज्यों से कहता हूँ कि आपकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और अधिकार अक्षुण्ण रहेंगे। मेघालय की कोई समस्या होगी तो उसका सकारात्मक रूप से समाधान निकालेंगे। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। pic.twitter.com/hyK1Gxo8aq
— Amit Shah (@AmitShah) December 14, 2019
शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे. भाजपा अध्यक्ष ने कहा,"मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी."
शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को उनसे मुलाकात की है.
गृहमंत्री ने कहा,"उन्होंने कहा कि मेघालय में समस्या है. मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि कोई मुद्दा नहीं है. उसके बाद भी उन्होंने मुझसे (कानून में) कुछ बदलाव करने को कहा. मैंने संगमा जी को क्रिसमस के बाद समय मिलने पर मेरे पास आने को कहा. हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं. किसी को डरने की जरूरत नहीं है."