Economic Survey 2023: 'दुनिया में मंदी लेकिन भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए तैयार'- अमित शाह
Amit Shah On Economic Survey 2023: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वित्तीय वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था धीमी रफ्तार के बावजूद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी.
India Emerge As A Global Superpower: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आर्थिक सर्वेक्षण 2023 (Economic Survey 2023) की सराहना की है. उन्होंने मंगलवार (31 जनवरी) कहा कि ये सर्वेक्षण इस बात का सबूत है कि अनुभवी कप्तान पीएम मोदी ने महामारी की तूफानी लहरों से लड़कर अर्थव्यवस्था के जहाज को सटीक तरीके से नेविगेट किया है. शाह ने ट्वीट किया कि जब दुनिया मंदी का सामना कर रही है, तो सभी क्षेत्रों में विकास और आशावाद दिखाता है कि भारत एक वैश्विक महाशक्ति के तौर पर उभरने के लिए तैयार है.
दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.5 फीसदी तक धीमा होने का अनुमान है, लेकिन इसके बाद भी ये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी क्योंकि इसने दुनिया के सामने आने वाली असाधारण चुनौतियों से निपटने में बेहतर प्रदर्शन किया है.
#EconomicSurvey2023 reaffirms that a seasoned captain PM @narendramodi has smoothly navigated the economy through the rocky waters of the pandemic. When the world is suffering a slowdown, growth and optimism in all sectors show that India is set to emerge as a global superpower.
— Amit Shah (@AmitShah) January 31, 2023
जीडीपी में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी है दर्ज होनी
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के मुताबिक भारत को 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.0 फीसदी से 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करनी है, जो विश्व स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक विकास के आधार पर है. इस आशावादी बढ़ोतरी का अनुमान कई सकारात्मक बातों से उपजा है. इनमें निजी उपभोग में बढ़ोतरी, उत्पादन गतिविधि को बढ़ावा देना, उच्च पूंजीगत व्यय-कैपेक्स (Capex), सार्वभौमिक टीकाकरण कवरेज, लोगों को रेस्तरां, होटल, शॉपिंग मॉल जैसी संपर्क आधारित सेवाओं पर खर्च करने के लायक बनाने वाली सकारात्मक बातें शामिल हैं.
सर्वे के मुताबिक निर्माण गतिविधियों में तेजी आने से रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. शहरों में प्रवासी श्रमिकों की वापसी होने से ये सकारात्मक असर देखने को मिला है. महामारी के दौरान आवास बाजार की फेहरिस्त में महत्वपूर्ण गिरावट आई थी. इसके साथ ही कॉरपोरेट्स की बैलेंस शीट को मजबूत हुई. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए लोन में भी तेजी दर्ज की गई.
आर्थिक सलाहकार ने भी मानी अर्थव्यवस्था में मंदी की बात
आर्थिक सलाहकारों का भी मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था के 6 फीसदी से नीचे जाने की पूरी संभावना हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि वर्तमान में औद्योगिक उत्पादन, ऋण बढ़ोतरी, निजी क्षेत्र का निवेश, निजी खपत ये सभी उचित दर से बढ़ रहे हैं और यह प्रवृत्ति जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि बीते 8 साल में किए गए सुधारों का असर दिखने लगा है.
यही वजह है कि आर्थिक विकास की गति जारी रहने की उम्मीद है, यही वजह है कि आने वाले वित्तीय वर्ष (2023-24) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) में उच्च बढ़ोतरी होने की भविष्यवाणी की जा सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि कुछ हफ्ते पहले जारी आर्थिक विकास की भविष्यवाणी चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग 7 फीसदी अनुमानित थी.
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