Amit Shah News: देशभर में साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने 4 अहम साइबर प्लेटफार्म को लॉच किया है. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए मंगलवार (10 सितंबर) को कहा कि देश की प्रगति साइबर सुरक्षा के बिना संभव नहीं है.


गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं होती. इसलिए यह जरूरी है कि सभी पक्ष मिलकर इस समस्या से निपटें. उन्होंने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा है. हमें साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. क्योंकि साइबर सुरक्षा के बिना देश की प्रगति संभव नहीं है.


'साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग'


गृह मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए अगले पांच साल में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित करने और उन्हें तैयार करने की योजना बना रही है. साइबर क्षेत्र को सुरक्षित बनाने पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि दुनिया में 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन हो रहे हैं. उन्होंने देश में साइबर अपराध से निपटने के लिए चार प्लेटफॉर्म का उद्घाटन भी किया. ये सेंटर सभी राज्यों के 1930 कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा (36 राज्यों और UT से जुड़ा है). इसके तहत प्राथमिकता केस की मॉनिटरिंग की जाएगी.


जानें क्या है भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र?


भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना 2018 में गृह मंत्रालय के तहत की गई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य देश में साइबर अपराधों से संबंधित सभी मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना है. आई4सी को कानून-प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को बढ़ाने और साइबर अपराध से निपटने वाले विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करने के लिए भी अनिवार्य किया गया है.


जानें क्या है समन्वय पोर्टल?


ये समन्वय पोर्टल साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने वाले फ़र्ज़ी कार्ड, अकाउंट, साइबर क्राइम के रोकथाम, अपराध विश्लेषण और जांच सहायता के समन्वय का काम करेगा. इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज मांगने की रिक्वेस्ट इसके ज़रिए भेजी जा सकेगी. साथ ही टेक्नो लीगल सपोर्ट भी देगा. 


इसके अलावा साइबर कमांडो प्रोग्राम के तहत डिजिटल भारत के प्रहरी के तौर पर देश के नागरिकों की सुरक्षा करेंगे. इसके लिये पैरा मिलिट्री फोर्स और स्टेट पुलिस के जवानों को चयनित किया गया है. देश के जाने माने 8 ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट जैसे आईआईटी में इनको ट्रेनिंग दी जाएगी. 


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