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Gujrat Riots 2002: गोधरा कांड का जिक्र कर बोले अमित शाह- 'मैंने 16 साल की बच्ची को उसकी मां की गोद में जिंदा जलते देखा'

Gujrat Riots: अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी SIT के सामने कोई नाटक करते हुए नहीं गए थे कि मेरे समर्थन में आओ और धरना दो.

Amit Shah On Gujrat Riots: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को 2002 गुजरात दंगों (2002 Gujrat Riots) में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल (SIT) की ओर से दिए गए क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. जिसपर केंद्र गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है.'

अमित शाह ने अपने इंटरव्यू में गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट से पीएम मोदी को क्लीन चिट मिलने पर कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है. अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है. आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे.

मोदी के खिलाफ रची गई साजिश

अमित शाह ने साल 2002 में गुजरात दंगा को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है. आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे. BJP विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए पत्रकार और NGO ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनको ही सत्य मानने लगे.

उन्होंने कहा कि गुजरात में हमारी सरकारी थी लेकिन यूपीए की सरकार ने NGO की मदद की है. सब जानते हैं कि ये केवल मोदी जी की छवि खराब करने के लिए किया गया था. आज सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी. एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है. सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ की NGO ये सब कर रही थी और उस समय की आई यूपीए की सरकार ने NGO की बहुत मदद की है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रेन में आग लगने के बाद की घटनाएं पूर्व नियोजित नहीं बल्कि स्वप्रेरित थी और तहलका द्वारा स्टिंग ऑपरेशन को भी खारिज कर दिया क्योंकि इसके आगे-पीछे का जब फुटेज आया तब पता चला कि ये स्टिंग राजनीतिक उद्देश्य से किया गया था.

गुजरात दंगों में सेना को देर से नहीं बुलाया गया

अमित शाह ने गुजरात दंगों में सेना को नहीं बुलाने के सवाल के जवाब में कहा कि हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था।गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसका प्रोत्साहन किया है. अमित शाह ने कहा कि सब कुछ (स्थिति को नियंत्रित करने के लिए) किया गया था, इसे नियंत्रित करने में समय लगता है. गिल साहब (पूर्व पंजाब DGP, दिवंगत केपीएस गिल) ने कहा था कि उन्होंने कभी भी इससे ज्यादा तटस्थ और त्वरित कार्रवाई अपने जीवन में नहीं देखी, फिर भी उन पर आरोप लगाए गए. हमारी सरकार आने के बाद SIT बनी. ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं? दिल्ली में सिख दंगों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में सेना का मुख्यालय है, जब इतने सारे सिख भाइयों को मार दिया गया, 3 दिन तक कुछ नहीं हुआ.

पीएम मोदी ने SIT के जांच का किया सामना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी SIT के सामने कोई नाटक करते हुए नहीं गए थे कि मेरे समर्थन में आओ और धरना दो. हमारा मानना ​​​​था कि हमें कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए. अगर SIT सीएम से सवाल करना चाहती है तो सीएम खुद सहयोग करने को तैयार है तो फिर आंदोलन किस चीज का? मोदी जी की भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था.

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