नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 56वीं वर्षगांठ का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि एसएसबी हमारे मित्र देश नेपाल और भूटान की सीमा की सुरक्षा तो कर ही रही है, साथ ही इस बात के लिए भी सजग है कि कोई घुसपैठिया सीमा को भेद न सके. उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल ने सदैव निष्ठा के साथ कार्य किया है और देश के सामने अनेकों आंतरिक चुनौतियों के समय इस बल के जवानों ने प्राणों की चिंता किए बगैर देश में शांति व्यवस्था स्थापित करने में अपना अतुलनीय योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि जब भी भारत की एकता और अखंडता का इतिहास लिखा जाएगा सशस्त्र सीमा बल का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
इससे पहले एसएसबी के डीजी राजेश चंद्रा ने एसएसबी का परिचय दिया और गृहमंत्री के समक्ष एसएसबी द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया. गृहमंत्री ने एसएसबी के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और बटालियन को भी सम्मानित किया.
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गृहमंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों में रहते हुए नागरिकों को एक इकाई के रूप में जोड़ने का काम किया है. चाहे मित्र राष्ट्र की सीमाएं हों, नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो या कश्मीर में तैनाती, हर समय इस बल के जवान राष्ट्र के लिए बलिदान को तैयार रहते हैं. अमित शाह ने शहीद नीरज क्षेत्री को याद करते हुए कहा कि उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी. उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने शहीद जवानों की याद में पुलिस स्मारक बनाया है जो पुलिस की वीर गाथा कहने के लिए तैयार किया गया है.
अमित शाह ने कहा कि आज विश्व में आवागमन सरल होने से जो देश भारत में शांति नहीं देखना चाहते वह तरह-तरह के कुप्रयास करते रहते हैं. लेकिन सशस्त्र सीमा बल के जवान उनके मंसूबों को नाकाम करते रहते हैं. नशीले पदार्थों की तस्करी हो या वामपंथी उग्रवाद सभी को रोकने में सशस्त्र सीमा बल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने भारत-नेपाल सीमा का जिक्र करते हुए कहा कि कई बार विदेशी नागरिकों को इस सीमा से घुसपैठ करते हुए सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने पकड़ा है. प्राकृतिक आपदा में सशस्त्र सीमा बल के जवानों का सकारात्मक योगदान होता है.
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गृहमंत्री ने ये भी कहा कि चुनाव लोकतंत्र का महोत्सव होता है जिसमें शांतिपूर्ण मतदान कराने में इस बल के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. विभिन्न मौकों पर सशस्त्र सीमा बल के जवानों का मानवीय चेहरा लोगों को जोड़ने का काम करता है. सशस्त्र सीमा बल पहला ऐसा सुरक्षा बल है जिसमें वर्ष 2007 में महिलाओं को शामिल किया गया और वह कंधे से कंधा मिलाकर महिला शक्ति को प्रेरणा देने का काम कर रही हैं. अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार इस बात का प्रयास कर रही है कि प्रत्येक जवान जो सीमा पर तैनात हैं वे अपने परिवार के साथ कम से कम सौ दिन बिताएं. गृहमंत्री की मौजूदगी में एसएसबी के जवानों ने अलग-अलग तरह के करतब दिखाएं. योगाभ्यास से लेकर बाइक राइडिंग, डॉग स्क्वॉयड, महिला मार्शल आर्ट और ताइकांडो तमाम अलग-अलग तरह के करतब दिखाए.
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