देश की राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण से संबंधित दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 लोकसभा से पारित होने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च सदन में बिल पेश करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार का सौतेली मां जैसा व्यवहार तीनों नगर निगमों को अच्छे से काम करने से रोकता है.
अमित शाह ने आम आदमी पार्टी के सदस्य की ओर इशारा करते हुए सवाल किया कि ये बताएं कि सौतेली मां जैसा व्यवहार किया है या नहीं किया है. उन्होंने कहा, "अगर राज्य की सरकारें स्थानीय निकायों के साथ सौतेला व्यवहार करेंगी तो न पंचायती राज सफल होगा न शहरी विकास के सारे निकाय सफल होंगे. राजनीतिक दायरे से ऊपर उठकर जिसका जो अधिकार बनता है वो देना पड़ेगा."
अमित शाह ने कहा, "मैं 16 साल की उम्र से सार्वजनिक जीवन में हूं. ढेर सारे आंकड़े मैंने भी स्टडी किए हैं. मगर मैं जब आंकड़े बताउंगा, मैं चाहता हूं जिसको भी मेरे बयान पर आपत्ती हो, उन सभी को वास्तविकता सदन के पटल पर रखनी चाहिए." अमित शाह ने कहा कि इसकी वजह से 250 से ज्यादा बड़ी हड़तालें हुई हैं. इसके पहले की 10 सालों में 2 बड़ी हड़तालें हुईं. उन्होंने सवाल किया कि अब क्या हो गया कि पहले सिर्फ 2 हड़तालें और अब 250 हड़ताल. अमित शाह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सौतेला व्यवहार के चलते हड़तालों की संख्या बढ़ी है.
गृह मंत्री ने कहा, "तीनों निगमों के बीच में नीतियों के रूप में समानता लाना बहुत ज़रूरी है. कार्मिकों की सेवा की शर्तों के लिए भी समानता होना बहुत ज़रूरी है. आर्थिक संसाधन की प्राप्ति और उनके दायित्वों के बीच में भी संतुलन बनाना बहुत ज़रूरी है और वो तभी हो सकता है जब ये तीनों निगमों को एक किया जाए."
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