Amit Shah J&K Visit: गृहमंत्री अमित शाह तीन दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. आज शाम छह बजे शाह पुलवामा के लेतपुरा सीआरपीएफ कैम्प जाएंगे और शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद सीआरपीएफ जवानों के साथ भोजन करेंगे. इससे पहले दिन में उन्होंने श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को निशाने पर लिया. जनसभा खत्म होने के बाद अमित शाह मंच से नीचे उतर कर जनता से मिलने पहुंचे और उनका अभिवादन स्वीकार किया.
उन्होंने कहा, ''आज मैंने अखबार में पढ़ा कि फारूक अब्दुल्ला ने मुझे सलाह दी है कि भारत पाकिस्तान से बातचीत करें. वे जम्मू कश्मीर के CM रहे हैं, मगर मैं फारूक साहब को कहना चाहता हूं कि मैं घाटी के भाइयों, बहनों और युवाओं के साथ बात करूंगा.''
अमित शाह ने अनुच्छे 370 को हटाए जाने के बाद लगाई गई पाबंदियों को लेकर कहा, ''5 अगस्त के बाद इंटरनेट बंद ना करते, अगर कर्फ्यू ना लगाते तो युवाओं की भावनाओं को भड़काकर जो स्थिति पैदा होती उसमें कौन मरता, कश्मीर का युवा मरता. हम नहीं चाहते थे कि कश्मीर के युवा पर किसी को गोली चलानी पड़े.''
उन्होंने कहा कि तीन परिवारों ने यहां 70 साल तक शासन किया है. ये समझे ना समझे हम ज़रूर समझते हैं कि एक बूढ़े बाप पर युवा बेटे के जनाज़े का बोझ कितना बड़ा होता है.
अमित शाह ने कहा, ''मैं आज कश्मीर के युवाओं से अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? जिन्होंने आपके हाथ में हथियार पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया?'' उन्होंने कहा कि आप सब अपने दिल में से खौफ और डर निकाल दीजिये. कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा में अब कोई खलल नहीं डाल सकता.
जनसभा से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गंदेरबल जिले में खीर भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना की. अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री सोमवार को तड़के मध्य कश्मीर जिले के तुल्लामुल्ला इलाके में चिनार के पेड़ों से घिरे मंदिर परिसर में गए. पारंपरिक कश्मीरी फिरन पहने शाह ने माता रागन्या देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना की. उनके साथ जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे.
अमित शाह शनिवार को जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे थे. श्रीनगर पहुंचते ही उन्होंने पुलिस अधिकारी परवेज अहमद के परिवार से मुलाकात की, जो इस साल जून में आतंकवादियों के हमले में शहीद हो गए थे.