Amit Shah On Veer Savarkar: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को राज्यसभा में संविधान पर बहस का तीखा जवाब देते हुए वीर सावरकर पर टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस के एक सीनियर नेता पर जमकर पलटवार किया. अमित शाह ने कहा कि सावरकर को ‘वीर’ की उपाधि किसी राजनीतिक दल या निर्वाचित सरकार ने नहीं दी बल्कि यह उपाधि उन्हें देश के 140 करोड़ लोगों ने उनकी ‘बहादुरी’ के लिए दी है.


राहुल गांधी ने संविधान पर बहस के दौरान बीते शनिवार (14 दिसंबर, 2024) को लोकसभा में वीर सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी. भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब भी भाजपा संविधान का बचाव करती है तो वे सावरकर को ‘बदनाम’ कर रहे होते हैं. राहुल गांधी ने कहा था, “मैं आपसे (भाजपा) पूछना चाहता हूं कि क्या आप अपने नेता के शब्दों पर कायम हैं? क्या आप अपने नेता के शब्दों का समर्थन करते हैं? क्योंकि जब आप संसद में संविधान की रक्षा के बारे में बोलते हैं तो आप सावरकर का उपहास कर रहे होते हैं, आप सावरकर को गाली दे रहे होते हैं, आप सावरकर को बदनाम कर रहे होते हैं."


‘आजादी के लिए समुद्र में कूदने का साहस वीर सावरकर में था’ 


राहुल गांधी के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि 1857 से 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर के अलावा किसी और को एक ही जीवनकाल में दो आजीवन कारावास की सजा नहीं दी गई. वह बोले, "अगर किसी में देश की आजादी के लिए समुद्र में कूदने का साहस था तो वह वीर सावरकर थे. एक ही जेल में दो भाइयों ने काला पानी की सजा काटी. 10 साल तक दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को देखा तक नहीं. पूरे देश में ऐसा कोई दूसरा बहादुर परिवार नहीं है." गृह मंत्री ने आगे पूछा कि क्या देशभक्ति को किसी विचारधारा से जोड़ा जा सकता है या देश के लिए बलिदान को किसी खास धर्म से जोड़ा जा सकता है. 


इंदिरा गांधी ने सावरकर को लेकर क्या कहा था?


यही नहीं अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से सावरकर की प्रशंसा का हवाला दिया और कहा कि भाजपा की नहीं तो कम से कम इंदिरा गांधी की तो बात सुनो. अमित शाह ने बताया कि 1966 में इंदिरा गांधी ने कहा था कि सावरकर एक महान व्यक्ति थे. उनका नाम साहस और देशभक्ति का पर्याय बन गया. वह एक महान क्रांतिकारी, जिन्होंने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया." 


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