Karnataka Assembly Election 2023: केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह मिशन कर्नाटक पर हैं. उन्होंने बेंगलुरु में गुरुवार (23 फरवरी) को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे परिवारवादी पार्टी बताया. शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जरूर देश के आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा ''कांग्रेस एक स्वतंत्रता पाने का मंच थी इस कारण लोग उससे जुड़ रहे थे. आज कांग्रेस परिवारवादी व्यवस्था में घिर चुकी है. कांग्रेस की आंतरिक लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म हो चुकी है. हमारी पार्टी में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होते हैं. अध्यक्ष के पिता कभी अध्यक्ष नहीं होते.''
शाह ने आगे दावा किया कि कांग्रेस पार्टी किसी विचारधारा के साथ नहीं जन्मी थी. कांग्रेस पार्टी में न सांस्कृतिक विचारधारा थी न अर्थव्यवस्था को लेकर विचारधारा थी और न देश के गठन को लेकर कोई विचारधारा थी.
सोनिया गांधी जिक्र किया
शाह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2004 से 2014 के दौरान एक भी नई नीति नहीं बनाई गई. मनरेगा के कार्यक्रम को अगर सोनिया गांधी नीति कहती हैं तो नीति के बारे में उनकी समझ पर मुझे तरस आता है, क्योंकि मनरेगा एक कार्यक्रम है नीति नहीं. उन्होंने आगे बोला कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार लंबे समय तक इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी और ऐसा शासन चलाया कि इन राज्यों को बीमारू घोषित करना पड़ा था. चारों राज्यों में बीजेपी की सरकार आई, आज ये राज्य बीमारू राज्य नहीं है.
'धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं'
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी की विचारधारा का पहला स्तम्भ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है. हिंदुस्तान को छोड़कर दुनिया के सारे देश भू-राजनीतिक देश हैं जबकि हमारा देश भू-सांस्कृतिक देश है. उन्होंने आगे दावा करते हुए सवाल किया कि विकास पर सबसे पहला अधिकार किसका होना चाहिए? बीजेपी का मानना है कि विकास पर सबसे पहला अधिकार वंचित और गरीब का है. हम धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं.
अमित शाह ने क्या कहा?
अमित शाह ने कहा कि हमारे लोग बड़े गर्व से कहते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था हमारे यहां है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि सिर्फ हम दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था ही नहीं है. हम मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है. उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण कभी राजा नहीं बने थे, वह नायक थे, वहां गणतंत्र था राजतंंत्र की व्यवस्था नहीं थी. मगध और मगध के बाद के राज्यों में भी गणतंत्र था और कर्नाटक में भी भगवान बसवेश्वर ने गणतंत्र की स्थापना की थी.
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