'जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था', राज्यसभा में बोले अमित शाह | 10 बड़ी बातें
Amit Shah Speech in Rajya Sabha: अमित शाह ने कहा, "भाजपा ने 16 साल राज किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया. वहीं कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संविधान में परिवर्तन किया."
Amit Shah Speech in Rajya Sabha: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान किए गए संविधान संशोधन दो लेकर जमकर निशाना साधा. पढ़ें गृह मंत्री अमित शाह की चर्चा की बड़ी बातें:
अमित शाह ने कहा, "देश कितना आगे बढ़ा, जनता को ये चर्चा इस बात का अहसास कराएगी. इस चर्चा में हम गहराई तक गए. हमारा लोकतंत्र पाताल की गहराई तक है. ये भी साफ हुआ कि जब जब जनता ने किसी पार्टी को जनादेश दिया तो उसने सम्मान किया या नहीं किया. संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छा है. इस देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से अनेक तानाशाहों का अभिमान चूर-चूर करने का काम किया है."
'कांग्रेस सालों तक 370 को गोद में खिलाने का काम करती रही'
अमित शाह ने कहा, "जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था. कांग्रेस इतने सालों तक 370 को गोद में खिलाने का काम करती आई. लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी. नरेंद्र मोदी जी दूसरी बार सत्ता में आए और एक ही झटके में इसे हटाने का काम किया. खून की नदियां छोड़ो, एक कंकड़ भी चलाने की किसी में हिम्मत नहीं. चिनाब ब्रिज से लेकर निर्यात में सभी केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर के नंबर वन पर आने का जिक्र करते हुए कहा कि 1 लाख 19 हजार करोड़ का निवेश आज आ गया है. ये पूछते हैं कि 370 हटाने से क्या हो गया. बताता हूं. इससे आपकी तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई है."
आंबेडकर के किस मंत्र को अमित शाह ने दी नई परिभाषा?
अमित शाह ने कहा, "संविधान की रचना के बाद डॉ आंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों. उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो. ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं.
राहुल गांधी पर इशारों में निशाना
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह बोले, "54 साल के युवा हवा में बात करके कहते हैं संविधान बदल देंगे. इसका प्रावधान संविधान में ही है. 16 साल में हमने 22 परिवर्तन किए. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने परिवर्तन किए."
उन्होंने कहा, "आज जब 75 साल के समय के बाद, संविधान को स्वीकार करने के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण आज एक होकर देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है."
आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमला
अमित शाह ने 39वां संविधान संशोधन को लेकर भी कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा, "ये संविधान संशोधन क्या था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन अमान्य कर दिया और उन्होंने प्रधानमंत्री पद की न्यायिक जांच पर भी संशोधन से रोक लगा दिया. ये जो कम्युनिस्ट भाई अधिकारों की बात करते हैं, रात में कभी सोचना भैया किसके साथ बैठे हो. एक कहता है कि मैं शासक हूं, मेरी कोई जांच नहीं कर सकते और हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि प्रधान सेवक हूं. उन्होंने एक देश, एक चुनाव बिल पर संसद और विधानसभाओं के कार्यकाल बढ़ाने की बात कर रहे थे कि नहीं कर सकते. इन्होंने इमरजेंसी में विधानसभाओं का कार्यकाल ही बढ़ाकर पांच से छह साल कर दिया कि चुनाव हुए तो हार जाएंगे."
यूसीसी पर क्या बोले?
गृह मंत्री आमित शाह ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि एक कानून होना चाहिए या नहीं. इन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ हिंदू कोड बिल भी ला दिया. हम तो चाहते हैं कि कानून नए हों. हिंदू कोड बिल में कोई पुराना नियम नहीं है. सामान्य कानून को ही इन्होंने हिंदू कोड बिल का नाम दे दिया. चलो मान लिया कि पर्सनल लॉ होना चाहिए. तो पूरा शरिया लागू करिए. विवाह और तलाक के लिए पर्सनल लॉ, ये तुष्टिकरण की शुरुआत यहीं से हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूसीसी लाने की बात कही है. आप तुष्टिकरण नहीं ला सकते."
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "हमने ही उत्तराखंड में यूसीसी लाने का काम किया है. दिग्विजय सिंह कहते हैं कि कौन रोाकता है, हम खुद रोकते हैं. सुनने के लिए धैर्य होना चाहिए. समाज में इतना बड़ा बदलाव लाने के लिए लागू कानून की न्यायिक मीमांशा होगी, बदलाव के लिए जो सुझाव आएंगे, उस पर विचार कर हर राज्य में बीजेपी की सरकार इसे लाएगी. आजकल एक फैशन हो गया है आंबेडकर आंबेडकर. इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. आंबेडकर का नाम और ज्यादा लो, लेकिन उनके विचारों का भी अनुसरण करो."
ईवीएम पर विपक्ष की शिकायतों पर बोले केंद्रीय गृह मंत्री
विपक्ष की ओर से चुनाव में ईवीएम को लेकर शिकायत की जाती है. इस पर अमित शाह ने कहा, "अभी कुछ नहीं है तो हारने पर ईवीएम ले लेकर घूमते हैं. महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हो गया और दूरबीन लेकर दिखाई नहीं देता. उसी दिन झारखंड में जीते हैं तो टप से नए कपड़े पहनकर जाकर शपथ ले ली. एक जगह ईवीएम सही, एक जगह खराब है."
'तीन काम छोड़ देगी कांग्रेस तो जिता देगी जनता'
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र है, परिवारवाद नहीं होना चाहिए. शाह ने कहा, "हम एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, यहां तुष्टिकरण की जगह नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस ने हमेशा परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को आगे रखा. ये तीन काम छोड़ दो, जनता जिता देगी."
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, "मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे सुने हैं. हर गांव में दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वालों के भाषण भी सुने हैं. पर मोहब्बत बेचने की चीज नहीं है, ये एक जज्बा है, जिसे महसूस किया जाता है."
'हमने 16 साल में 22 संशोधन किए, कांग्रेस ने 55 साल में 77 बार संविधान बदला'
अमित शाह ने कहा, "भाजपा ने 16 साल राज किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया. वहीं कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संविधान में परिवर्तन किया. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने परिवर्तन किए, लेकिन परिवर्तन का उद्देश्य क्या था? इससे पार्टी का संविधान में विश्वाश का पता चलता है. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन किया गया और 19A जोड़ा. ये संशोधन अभियक्ति की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कर्टेल करने के लिए किया गया. इसी तरह 24वां संशोधन किया गया और इसके माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकार कम कर दिए गए. इसी तरह कांग्रेस ने सिर्फ अपने उद्देश्य के लिए संविधान में कई संशोधन किए."
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "वोटबैंक की राजनीति कांग्रेस करती है, वोटबैंक की राजनीति हम नहीं कर रहे हैं. वोटबैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ इतने दिनों तक अन्याय करने का काम किया. कांग्रेस पार्टी ने किया है. हमने तो ट्रिपल तलाक खत्म करके मुस्लिम माताओं-बहनों को अधिकार दिया."
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