क्या शांतिनिकेतन में अमित शाह गुरूदेव रविन्द्र नाथ टेगौर की कुर्सी पर बैठे थे? जानें सच्चाई
गृहमंत्री ने लोकसभा में कहा कि अधीर रंजन चौधरी की तरफ से धन्यवाद प्रस्ताव पर 8 फरवरी को दिए भाषण में उनकी शांतिनिकेतन यात्रा को लेकर गलत तथ्य सदन में रखे गए. लिहाज़ा सदन का रिकॉर्ड स्पष्ट करने के लिए वो अपना पक्ष रखना चाहते हैं.
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी शांतिनिकेतन यात्रा को लेकर विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ से की गई टिप्पणियों पर सदन में सबूतों के साथ अपना स्पष्टीकरण दिया. गृह मंत्री ने अपने दौरे की तस्वीरों और शांतिनिकेतन प्रशासन से मिले पत्र के आधार पर कांग्रेस नेता के बयानों का खंडन किया.
गृहमंत्री ने लोकसभा में कहा कि अधीर रंजन चौधरी की तरफ से धन्यवाद प्रस्ताव पर 8 फरवरी को दिए भाषण में उनकी शांतिनिकेतन यात्रा को लेकर गलत तथ्य सदन में रखे गए. लिहाज़ा सदन का रिकॉर्ड स्पष्ट करने के लिए वो अपना पक्ष रखना चाहते हैं. गृहमंत्री ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी के भाषण के बाद उन्होंने शांतिनिकेतन के उप कुलपति से सम्पर्क किया. अपनी यात्रा से जुड़ी तमाम तस्वीरों और वीडियो फुटेज देख यह तस्दीक करने को कहा कि क्या शांतिनिकेतन में वो गुरूदेव रविन्द्र नाथ टेगौर की कुर्सी पर बैठे थे?
शाह ने शांति निकेतन के उप-कुलपति की तरफ से मिले स्पष्टीकरण और अपनी यात्रा की तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि वो कभी भी गुरुदेव रविंद्र नाथ टेगौर की कुर्सी पर नहीं बैठे. बल्कि बीते दिनों हुई अपनी शांतिनिकेतन यात्रा के दौरान उस खिड़की पर बैठे थे, जहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री समेत कई मेहमान नेता बैठ चुके थे. साथ ही गृह मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी की तस्वीरें दिखाकर दावा किया कि यह दोनों नेता भी उस सोफे पर बैठे थे, जहां कभी टेगौर बैठा करते थे.
इतना ही नहीं अधीर रंजन चौधरी पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि सोशल मीडिया से अपुष्ट खबरें लेकर सदन में रखना अनुचित है. गृहमंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह अधीर रंजन चौधरी ने बात की, उसमें उनकी पार्टी की परंपरा का दोष है.
गौरतलब है कि धन्यवाद प्रस्ताव पर सरकार के खिलाफ दिए हमलावर भाषण में अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया गया था कि शांतिनिकेतन यात्रा के दौरान गृह मंत्री अमिता शाह टेगौर की कुर्सी पर बैठे थे. इसके साथ ही चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनाव से पहले बंगाली नायकों से जुड़ने की कोशिश में बीजेपी के नेता ऐसे काम कर रहे हैं, जो सांस्कृतिक संवेदनाओं को ठेस पहुंचा रही हैं.
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