Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का कुनबा और बढ़ता जा रहा है. एक के बाद एक राजनीतिक दल एनडीए का हिस्सा बन रहे हैं. आने वाले दिनों में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के भी एनडीए के घटक दल बनने की उम्मीद जताई जा रही है. बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में इसको लेकर बड़े संकेत दिए गए हैं.
बीजेपी की निगाह दक्षिण भारत के राज्यों पर भी पूरी बनी हुई है. इसको लेकर बीजेपी उन राजनीतिक दलों पर पूरी नजर बनाए हुए हैं जो एनडीए का हिस्सा बनने की इच्छा रखते हैं. हाल के दिनों में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकत की.
'कुछ समय में होगा सब कुछ तय'
इन मुलाकातों के दौर के बाद इन नेताओं के एनडीएम में आने के सवाल पर गृह मंत्री शाह का कहना है कि अभी सरकार बनने के लिए कुछ समय का इंतजार करना होगा. कुछ समय में सब कुछ तय हो जाएगा.
दरअसल, टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू दक्षिण भारत के बड़े नेताओं में शुमार हैं. पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के वर्तमान सीएम जगनमोहन रेड्डी की नजदकियां भी बीजेपी के साथ तेजी से बढ़ रही हैं.
'अकाली दल के साथ वार्तालाप जारी'
पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ आने के चलते शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के एनडीए में आने की अटकलों पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि इस पर अभी कुछ तय नहीं हुआ है लेकिन इस पर वार्तालाप जारी है.
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मोदी सरकार ने 9 फरवरी को भारत रत्न देने का ऐलान किया तो राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के एनडीए में आने की चर्चा तेज हो गई. जयंत चौधरी की आरएलडी के एनडीए का हिस्सा बनने की अटकलें भी जोरों पर हैं.
'विचारधारा पसंद आने पर आते हैं बीजेपी के साथ'
उधर, नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं. इस मामले पर केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि जनसंघ-बीजेपी की विचारधारा में कभी बदलाव नहीं आया है. जनसंघ की स्थापना के बाद से उसकी विचारधारा एक ही जगह पर है, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. भविष्य में भी बीजेपी की विचारधारा में कोई बदलाव नहीं होगा. एनडीए में आने वालों को यह विचारधारा पसंद आती है तो वो हमारे साथ आए हैं.
अमित शाह ने यह भी कहा कि देश में एक प्रकार से आइडल स्थिति तो एक है लेकिन विचारधारा के आधार पर राजनीतिक दल अपना निर्णय करते हैं. बावजूद इसके यह हो नहीं पाता है. भारतीय जनता पार्टी अपनी विचारधारा, अपने एजेंडे और प्रोग्राम के साथ अपनी जगह पर स्थिर खड़ी है. उन्होंने कहा कि कई साथी आते हैं और कई चले जाते हैं.
'हमेशा गठबंधन का धर्म निभाया'
अमित शाह ने यह भी कहा कि गठबंधन से जाने को लेकर दो स्थिति हो सकती हैं. कई बार घटनाओं के कारण जाना होता है तो कई बार राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों के चलते वो चले जाते हैं. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि एनडीए ने कभी भी किसी को नहीं निकाला है. हमेशा गठबंधन का धर्म निभाया है.
'राजनीति में 'फैमिली प्लानिंग' में नहीं मानते'
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि कई जगह हम बहुत मजबूती के साथ आएं हैं लेकिन हमने छोटे दल को भी मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया. कई जगह ऐसी हैं जहां हमें पूर्ण बहुमत मिला फिर भी गठबंधन के साथी दलों को मंत्रिमंडल में जगह दी. बाद में भी उनका ख्याल रखा जाता है. उन्होंने मजाक के लहजे में यह भी कहा कि हम मानते हैं कि 'फैमिली प्लानिंग' में विश्वास रखते हैं लेकिन राजनीति में 'फैमिली प्लानिंग' में विश्वास नहीं करते हैं. हमेशा से प्रयास रहा कि राजनीतिक कुनबा बड़ा हो.
'जनसंघ-बीजेपी विचारधारा देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का प्रयास'
गृह मंत्री शाह ने कहा कि हमारी विचारधारा देश के हर कोने में पहुंचे, यही हमारा प्रयास है. जनसंघ की विचारधारा 1950 है. उन्होंने कहा कि 1950 से कांग्रेस जिस विचारधारा को लेकर निकली है वो कभी भी देश का कल्याण नहीं कर सकती है. देश की नीतियां देश की जमीन की मिट्टी की सुंगध से बनी होनी चाहिए. किसी भी देश की पॉलिसी इपोर्ट नहीं हो सकती. देश के सामने हमेशा से अलग तरह की पॉलिसी रखी हैं.
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