Amit Shah Slams Aam Aadmi Party: संसद के मानसून सत्र में गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पारित हो गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के बाद जवाब दिया. उन्होंने विपक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ''इस सत्र में 9 बिल पेश हुए, तब विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग पर संसद नहीं चलने देने की बात कर रहा था. आज विपक्षी गठबंधन बचाने के लिए दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा कर रहे हैं.''
अमित शाह ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, ''विपक्षी दलों को लोकतंत्र, देश और जनता की चिंता नहीं है. अपने गठबंधन को बचाने के लिए ये सभी लोग यहां आए हैं. विपक्ष के लिए जनता के बिल जरूरी नहीं है, बल्कि गठबंधन से एक छोटी सी पार्टी न भाग जाए, इसकी चिंता है.''
केजरीवाल विपक्षी गठबंधन छोड़ेंगे- अमित शाह
उन्होंने कहा कि बालकृष्ण रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली की सेवा प्रणाली और कार्य प्रणाली केंद्र सरकार के अधीन होनी चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हर बिल और मणिपुर पर चर्चा का विरोध किया, लेकिन दिल्ली अध्यादेश पर सब लोग इकट्ठा हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद विपक्ष का गठबंधन टूटने वाला है, अरविंद केजरीवाल इसे बाय-बाय कर देंगे.
संविधान के तहत केंद्र को कानून बनाने का अधिकार- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि संविधान के तहत केंद्र सरकार को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार है. उन्होंने वाईएसआरसीपी सांसद के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ये कानून किसी अन्य राज्य के लिए नहीं लाया जा सकता है.
2015 तक नहीं हुआ कोई भी झगड़ा- केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह ने आगे कहा, ''1993 से लेकर 2015 तक दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले केंद्र सरकार के ही हाथ में थे. इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें रहीं, लेकिन कोई झगड़ा नहीं हुआ. फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले कानून बनाइए तो हम वही कर रहे हैं.''
दिल्ली सेवा बिल को लाने की जरूरत पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में चीजें नियमों के तहत नहीं चल रही थीं. इसी के चलते नियम बनाने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मंत्रियों के सिग्नेचर के साथ कैबिनेट नोट भेज दिया जाता था.
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